नई दिल्ली। रूस के अटैकिंग मूड से यूक्रेन समेत कई मुल्क तरह-तरह की चिंता कर रहे हैं। यूक्रेन ने भी तमाम मुल्कों से रूस को रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की। रूस के हमले के बाद बाल्टिक देशों के विदेश मंत्रियों ने रूस पर SWIFT यानि ‘सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन’ से बैन लगाने की मांग की। विदेश मंत्रियों ने कहा है कि युद्ध विराम तक रूस के लिए यह सुविधा शुरू नहीं की जानी चाहिए। तो क्या है आखिर ये Swift सुविधा जिस पर बैन लगाने से रूस की झटका लग सकता है।
क्या है स्विफ्ट सिस्टम
दरअसल SWIFT एक कोड है। जिस तरह से आप भारत में बैंकिंग ट्रांजैक्शन करते है तो IFSC कोड जरूर भरते हैं, ठीक इसी तरह अगर आप विदेश से पैसा भेजते या मंगाते हैं तो आपको SWIFT कोड का इस्तेमाल करना पड़ता है। SWIFT CODE पैसों इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन में किसी बैंक और ब्रांच की पहचान के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका पूरा नाम Society for worldwide interbank financial telecommunication है। इसके नाम से भी आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कोड बैंकों के इंटरनेशनल सेटलमेंट्स में इस्तेमाल होता है। एक SWIFT CODE में 8 से 11 डिजिट का कोड रहता है। इसमें बैंक का नाम, बैंक किस देश में है उसकी पूरी जानकारी, बैंक की लोकेशन की जानकारी के अलावा बैंक की ब्रांच की जानकारी का भी जिक्र रहता है। इसकी स्थापना 1973 में Telex को रिप्लेस के तौर पर हुई। करीब 200 से ज्यादा देशों के 11000 से ज्यादा वित्तीय संस्थान SWIFT के माध्यम से ही पेमेंट ऑर्डर भेजते हैं। चूंकि SWIFT के अलावा और कोई विकल्प नहीं है यही वजह है कि ग्लोबल फाइनेंस के लिए यह बेहद अहम कड़ी साबित हो जाता है।
रूस के स्विफ्ट कोड को बैन करने की मांग
SWIFT का मुख्यालय बेल्जियम में स्थित है और यह 25 लोगों के बोर्ड द्वारा शासित है। यह बेल्जियम के कानून के तहत आता है और यूरोपीय संघ के नियमों का पालन करना होता है। अगर किसी देश को इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करनी हो तो SWIFT CODE के बगैर ये संभव नहीं है। यूक्रेन पर युद्ध के बाद रूस पर इसी SWIFT CODE सिस्टम को बैन करने की मांग की गई है क्योंकि अगर रूस से SWIFT डिस्कनेक्ट हुआ तो उसे विदेशी मुद्रा हासिल नहीं होगी। वित्तीय संस्थानों के लिए रूस के अंदर या उससे बाहर पैसे भेजना बंद हो जाएगा। ऐसा होने पर रूस की कंपनियां और उनके ग्राहकों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
क्या होगा अगर बैन होता है स्विफ्ट कोड
वहीं अगर ऐसा होता है तो इसका नुकसान संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी को भी हो सकता है क्योंकि उनके बैंक, रूसी बैंकों के साथ संवाद करने के लिए स्विफ्ट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। वहीं रूस को लेकर कहा जा रहा है कि मौजूदा वक्त में रूस की अपनी भुगतान प्रणाली, SPFS है और वर्तमान में 20 प्रतिशत घरेलू ट्रांसफर SPFS के माध्यम से किए जाते हैं और SWIFT पर बैन लगता है तो उसके पास चीन का क्रॉस-बॉर्डर इंटरबैंक पेमेंट सिस्टम एक और विकल्प प्रदान कर सकता है या फिर क्रिप्टोकरेंसी का विकल्प बचता है। एक्सपर्ट की माने तो ये इतना व्यावहारिक नहीं है।