नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका से सीखे जर्मनी यात्रा पर चले गए हैं। जयशंकर 61वें म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वहां पहुंचे हैं। इस बीच सम्मेलन के दौरान एक पत्रकार ने दुनिया में लोकतंत्र पर खतरे को लेकर भारतीय विदेश मंत्री से सवाल पूछा। एस. जयशंकर ने अपनी इंडेक्स फिंगर को दिखाते हुए इस सवाल का ऐसा जवाब दिया कि अब हर तरफ उनके इस अंदाज की चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स एस. जयशंकर की सोच और उनकी हाजिरजवाबी की तारीफ कर रहे हैं।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″><p lang=”en” dir=”ltr”>"… Optimistic about the direction of our democracy, for us democracy has delivered…"<br><br>India's EAM Dr S Jaishankar at Munich Security Conference <a href=”https://t.co/WZIPw8ZePa”>pic.twitter.com/WZIPw8ZePa</a></p>— Sidhant Sibal (@sidhant) <a href=”https://twitter.com/sidhant/status/1890586607004045545?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 15, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
एस. जयशंकर ने अपनी उंगली में लगी स्याही को दिखाते हुए कहा, बुरा मत मानिएगा, यह इंडेक्स फिंगर है। मेरी इस उंगली में लगे स्याही के जिस निशान को आप लोग देख रहे हैं वो इस बात का प्रतीक है कि मैंने हाल ही में अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग किया है। इसी महीने हमारे यहां दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें मैंने वोट दिया। उससे पहले पिछले साल हमारे देश में राष्ट्रीय आम चुनाव हुए थे उसमें भी मैंने मतदान किया था। आम चुनाव में 90 करोड़ मतदाताओं में से 70 करोड़ लोगों ने अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए वोट डाला था। इतने बड़े चुनाव के बाद वोटों की काउंटिंग भी एक ही दिन में पूरी की जाती है और लोगों को नतीजे पर विश्वास करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत से ज्यादा मजबूत लोकतंत्र की मिसाल दुनिया में कहीं और नहीं हो सकती। जयशंकर बोले, हम अपने लोकतंत्र को लेकर आशावादी हैं, हम अच्छी तरह से अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोकतंत्र की ताकत से ही हम दुनिया को भी राह दिखा रहे हैं। भारत में फ्री राशन व्यवस्था का उदाहरण देते हुए विदेश मंत्री बोले, लोकतांत्रिक समाज के रूप में भारत में करीब 80 करोड़ लोगों को हर माह मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।