नई दिल्ली। आमतौर पर विदेश मसलों से जुड़ी खबरों के प्रति भारतीय पाठक ज्यादा आतुरता या यूं कहें कि दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं, लेकिन आज अर्जेंटीना में जो कुछ भी हुआ है, उस पर हम भारतीयों को एक नजर जरूर डालनी चाहिए, क्योंकि इसका सीधा हमारे राजनीतिक जीवन में पड़ने जा रहा है। आखिर अर्जेंटीना में ऐसा क्या हुआ है ? जानने के लिए पढ़िए हमारी ये रिपोर्ट। दरअसल, अर्जेटीना में आज एक दक्षिणपंथी नेता राष्ट्रपति का चुनाव जीत गया है। जी हां… और उस नेता का नाम है जेवियर माइली। राष्ट्रपति बनने के बाद जेवियर पर जिम्मेदारियों को बोझ बढ़ चुका है, क्योंकि उसे ऐसे वक्त में देश की अगुवाई का मौका मिला है, जब यह अर्जेंटीना कई दुश्वारियों से जूझ रहा है, जिसमें गरीबी, भ्रष्टाचार, बदहाली, मुद्रा स्फ्रीति, बेरोजगारी सहित अन्य दुश्वारियां शामिल हैं। ऐसे में जेवियर के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि जिन उम्मीदों के साथ उन्हें देश की जनता ने यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर वो कैसे खरे उतर पाते हैं।
चीन के हैं बड़े आलोचक
वहीं, जेवियर के राष्ट्रपति बनने के बाद भू-राजनीति परिधि पर कई विषयों को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। उधर, कई कूटनीतिज्ञों का दावा है कि जेवियर के राष्ट्रपति बनने से भारत को भी राजनीतिक मोर्चे पर गहरा असर पड़ेगा, क्योंकि जेवियर चीन और ब्राजील के बड़े आलोचकों में से एक हैं। आइए, आगे जानते हैं कि उनका अब तक का सफर कैसा रहा है ?
Javier Milei, born on October 22, 1970, is Argentina’s new president, with a political stance described as liberal libertarian. Despite labels such as populist, right-wing libertarian, ultraconservative, and far-right, he aligns with minarchist and anarcho-capitalist principles.…
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariIND) November 20, 2023
कैसा रहा अब तक का सफर ?
22 अक्टूबर, 1970 को जन्मे जेवियर माइली अर्जेंटीना के नए राष्ट्रपति हैं, जिनका राजनीतिक रुख उदारवादी, स्वतंत्रतावादी बताया गया है। लोकलुभावन, दक्षिणपंथी स्वतंत्रतावादी, अतिरूढ़िवादी और दूर-दक्षिणपंथी जैसे लेबलों के बावजूद, वह अल्पसंख्यकवादी और अराजक-पूंजीवादी सिद्धांतों के साथ संरेखित हैं। माइली आर्थिक शॉक थेरेपी की वकालत करते हैं, जिसका लक्ष्य अर्जेंटीना के सेंट्रल बैंक को खत्म करना है, जिसके परिणामस्वरूप एक वास्तविक डॉलर वाली अर्थव्यवस्था और व्यापक राजकोषीय और संरचनात्मक नीति सुधार होंगे। उनके पदों में गर्भपात का कड़ा विरोध, व्यापक यौन शिक्षा की आलोचना, नागरिक बन्दूक स्वामित्व का समर्थन, और मानव अंगों की बिक्री को वैध बनाने और दूर-दराज़ सांस्कृतिक मार्क्सवाद षड्यंत्र सिद्धांत जैसे विवादास्पद विचारों का समर्थन शामिल है। बी20 और विश्व आर्थिक मंच के सदस्य, माइली की पृष्ठभूमि मुख्य अर्थशास्त्री और व्यवसायी एडुआर्डो एर्नेकियन के वित्तीय सलाहकार के रूप में है, और उन्होंने टेलीविजन और रेडियो में उल्लेखनीय उपस्थिति बनाए रखते हुए कई किताबें लिखी हैं।