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कैलिफोनिया में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर, यूएस ने की भर्त्सना

न्यूयार्क। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रेस सचिव जेन साकी ( White House Press Secretary Jen Psaki) ने कैलिफोर्निया में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर किए जाने की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। साकी ने कहा कि हमें निश्चित रूप से गांधी के स्मारकों के अनादर पर चिंता होगी और जैसा कि आप जानते हैं, हम निश्चित रूप से इसे व्यक्त भी करेंगे। हम उनकी प्रतिमा के अनादर की घोर निंदा करते हैं और स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। गांधी जी की प्रतिमा से तोड़-फोड़ करने के बाबत एक रिपोर्टर द्वारा बाइडेन के विचार पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रपति के विचारों को आप से साझा करने के लिए मेरे पास और भी कुछ होगा तो मुझे उसे आपसे से शेयर करने में ज्यादा खुशी होगी।

गौरतलब है कि डेविस में 26 जनवरी और 27 जनवरी की मध्य रात्रि को गांधी की मूर्ति को खंडित कर दिया गया था। उनके (प्रतिमा के) पैरों को काट दिया गया था और सिर काट दिया गया था। यह दूसरी बार है जब इस तरह से महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर हुआ है। पिछले वर्ष जून में भी इस तरह की घटना सामने आई थी जब उनकी प्रतिमा के निचले हिस्से पर अश्लील चित्र बना दिए गए थे और अपमानजनक शब्द लिखे गए थे।

द हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने बाइडेन प्रशासन से इस ताजा घटना को घृणा-अपराध (हेट क्राइम) के रूप में जांच करने के लिए कहा है। एचएएफ के कैलिफोर्निया स्थित एडवोकेसी डायरेक्टर ईशान कटिर ने कहा कि हम इस घृणास्पद अपराध की निंदा करते हैं और होमलैंड सिक्योरिटी और एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) विभाग से इस घृणित अपराध की जांच करने की मांग करते हैं।

यहां एक बात यह भी उल्लेखनीय है कि भारतीय-अमेरिकियों के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में बाइडेन ने इस समुदाय को यह आश्वासन दिया था कि वह न्याय विभाग में ऐसे नेताओं की नियुक्ति की जाएगी जो घृणा अपराधों के अभियोजन को प्राथमिकता देंगे। राष्ट्रपति के घोषणापत्र में कहा गया है कि वह अपने न्याय विभाग को धर्म-आधारित घृणा अपराधों, और श्वेत राष्ट्रवादी आतंकवाद का सामना करने सहित घृणा अपराधों से निपटने के लिए अतिरिक्त संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करने का आदेश देंगे।

हालांकि डेविस में हुई इस निंदनीय घटना के पीछे के लोगों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन गांधी जी का सम्मान करने का विरोध श्वेत राष्ट्रवादी समूहों से नहीं, बल्कि दूसरों से हो रहा है। पिछले साल जब पुलिस की बर्बरता के खिलाफ ब्लैक लाइव्स मूवमेंट अपने चरम पर था तो उस दौरान भी वाशिंगटन में गांधी जी की एक प्रतिमा का अनादर किया गया था। प्रतिमा के नीचे उनके खिलाफ एवं भारत-विरोधी आपत्तिजनक व अपमानजनक बातें लिखी गई थीं।

पुलिस की बर्बरता के खिलाफ इन विरोध प्रदर्शनों को डेमोक्रेटिक पार्टी समर्थन दे रही थी। इसमें व्हाइट (श्वेत) सहित विभिन्न नस्लों के आंदोलनकारी व कट्टरपंथी वाम तत्व भी शामिल थे, जिन्होंने सर्वाजनिक संपत्ति को न सिर्फ नुकसान पहुंचाया बल्कि कई स्मारकों को भी तोड़ दिया।

कैलिफोर्निया की राजधानी सैक्रामेंटो में केसीआरए टीवी के अनुसार, रविवार को गांधी प्रतिमा स्थल पर दो विरोध प्रदर्शन किए गए। एक प्रतिमा के अनादर के खिलाफ था। इसमें प्रतिमा की सुरक्षा की मांग की गई थी। दूसरे वे लोग थे जो इस बात पर खुशी जाहिर कर रहे थे कि मूर्ति वहां से हटा दी गई है।

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