नई दिल्ली। आर्थिक अपराध के खिलाफ कार्रवाई में सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है। लगभग 25 साल से फरार चल रही कथित आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर को सीबीआई अमेरिका से भारत लेकर आ रही है। सीबीआई अधिकारी मोनिका कपूर को लेकर आज रात तक भारत पहुंच सकते हैं। मोनिका कपूर साल कई साल पहले हुए एक आयात-निर्यात घोटाले की मुख्य आरोपी है। वह सीबीआई को चकमा देकर साल 1999 में देश छोड़कर अमेरिका भाग गई थी। भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के तहत मोनिका को वापस लाया जा रहा है।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Monika Kapoor (extreme left), a fugitive for 25 years, successfully extradited from the USA by the CBI. A team of CBI officials took her into custody in the USA. They are bringing her back to India on an American Airlines flight.<br><br>(Source: Third Party) <a href=”https://t.co/qXAjkLrq8G”>pic.twitter.com/qXAjkLrq8G</a></p>— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1942798747588812890?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 9, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
मोनिका कपूर ने अपने दो भाईयों राजन खन्ना और राजीव खन्ना के साथ मिलकर मोनिका ओवरसीज नाम से फर्म शुरू की थी। मोनिका इस फर्म की प्रोपराइटर थी। फर्जी एक्सपोर्ट डॉक्युमेंट्स जैसे कि शिपिंग बिल, इनवॉयस और बैंक सर्टिफिकेट के जरिए मोनिका ओवरसीज ने साल 1998 में 6 ‘रिप्लेनिशमेंट लाइसेंस’ हासिल किए। इन लाइसेंस के जरिए 2.36 करोड़ रुपये का ड्यूटी-फ्री गोल्ड मंगवाया गया। बाद में इन लाइसेंस को अहमदाबाद की कंपनी दीप एक्सपोर्ट को प्रीमियम पर बेच दिया गया। दीप एक्सपोर्ट ने इन लाइसेंस के जरिए सोना आयात किया जिससे सरकार को लगभग 1.44 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
सीबीआई ने इस केस की जांच के बाद मार्च 2004 में मोनिका कपूर, उनके भाई राजन खन्ना और राजीव खन्ना के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 20 दिसंबर 2017 को राजन और राजीव खन्ना को दोषी करार दे दिया था। हालांकि मोनिका कपूर फरार होने के चलते जांच और ट्रायल से बची रही। बाद में कोर्ट ने 2006 में मोनिका को भगोड़ा घोषित कर दिया और 2010 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हुआ। सीबीआई ने 2010 में ही अमेरिका से मोनिका के प्रत्यर्पण की मांग की थी। तमाम कानूनी प्रक्रियाओं के बाद न्यूयॉर्क की जिला न्यायालय ने मोनिका के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी।