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Shahbaz Sharif : ‘दुनिया AI की ओर बढ़ रही है और आप वहीं खड़े होकर भीख मांग रहे’, पाक मीडिया में क्यों हो रही PM शरीफ की आलोचना?

shehbaz sharif and imf

इस्लामाबाद। आर्थिक कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान में अब खाने के लाले पड़े हैं मगर इसके बावजूद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। पाकिस्तान में खूब सियासी चालबाजी चल रही है। पिछले साल सत्ता परिवर्तन हुआ था। अप्रैल 2022 में इमरान खान की जगह शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने लेकिन पिछले 10 महीनों में शरीफ देश की आर्थिक स्थिति सुधार पाने में नाकाम रहे हैं। इस वजह से उनकी देश और दुनिया में आलोचना हो रही है। भारी नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को आर्थिक पटरी पर लाने के लिए पीएम शरीफ का पूरा फोकस अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाले 1.7 अरब के लोन पर ही निर्भर है।

आपको बता दें कि इसके लिए शरीफ सरकार ने IMF की हर शर्त मान ली है और इस वैश्विक संस्था के सामने घुटने टेकते हुए पाकिस्तानियों पर ही टैक्स का बोझ लाद दिया है। पिछले दिनों वित्त मंत्री इशाक डार ने 170 अरब रुपये जुटाने के मकसद से टैक्स बढ़ोत्तरी वाला मिनी बजट संसद में पेश किया है। पाकिस्तानी मीडिया में इसकी घोर आलोचना हो रही है और कहा जा रहा है कि सरकार के कदम से पहले से ही आसमान छूती महंगाई और बढ़ गई है। साथ ही कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में एक आलेख में शोधकर्ता और पत्रकार बिलाल लखानी ने लिखा है कि जब पूरी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तरफ बढ़ रही है, तब भी पाकिस्तान IMF के सामने झोली फैलाकर भीख मांग रहे हैं।

इस बारे में लखानी ने लिखा है, “पिछले 10 महीनों से पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ की देश की अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के लिए आलोचना हो रही है। देश के आर्थिक विकास में तेज गिरावट देखी गई है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2009 के बाद सबसे कम हो गया है। आर्थिक विकास में गिरावट काफी हद तक अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक कमजोरियों को दूर करने में सरकार की विफलता का परिणाम है। आसमान छूती महंगाई, बड़े पैमाने पर चालू खाता घाटा और गिरती करंसी वैल्यू ने लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को और कमजोर करने का काम किया है।”

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