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Bhishma Panchak 2022: कल से शुरू हो रहे हैं भीष्म पंचक व्रत, जानिए क्या है इसके पीछे की महीमा

Bhishma Panchak 2022य.

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कई तीज, त्यौहार, व्रतों को रखने की परंपरा है। पिछले महीने अक्टूबर तो दशहरा, दिवाली, भाई दूज जैसे बड़े त्योहारों से भरा था। अब नवंबर महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने में भी कई ऐसे मौके आने है जब व्रत किए जाएंगे। एक दिन बाद यानी 4 नवंबर से पांच दिनों तक चलने वाले भीष्म पंचक व्रत की शुरुआत होने जा रही है। 5 दिनों तक चलने वाले इस व्रत को करने से व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं। कई लोग अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए इसे रखते हैं। कुछ लोग धन संबंधी परेशानियों को खत्म करने के लिए, तो कुछ ऐसे भी लोग होते है जो कि भगवान की कृपा पाने के लिए इसे रखते हैं। जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें ये व्रत काफी खास होते हैं। कहते हैं जो निसंतान दंपत्ति हैं यानी की जिनकी संतान नहीं है वो अगर इस व्रत को करते हैं तो उन्हें संतान प्राप्ति होती है। इस व्रत को ‘पंच भीखू’ के नाम से भी जाना जाता है। चलिए आपको बताते हैं कैसे और क्यों इस व्रत की शुरुआत हुई। इसके अलावा ये भी जानेंगे कि इस पांच दिनों तक चलने वाले व्रत के पीछे की महिमा क्या है।

भीष्म पंचक से जुड़ी ये है कथा

इस व्रत से जुड़ी एक कथा है जिसके मुताबिक जब महाभारत के युद्ध में पांडवों को जीत मिल जाती है तो भगवान श्री कृष्ण उनसे पितामह के पास जाने के लिए कहते हैं ताकि वो पितामह से थोड़ा ज्ञान प्राप्त कर सकें। इस दौरान सूर्य के उत्तराय़ण होने की प्रतीक्षा में शैय्या पर लेटे पितामह के पास जब वो लोग पहुंचते हैं तो भीष्म पितामह कृष्ण की बात मान पांडवों को वर्ण धर्म, मोक्ष धर्म और राज धर्म के बारे में ज्ञान देते हैं। ये ज्ञान प्रसार का सिलसिला पांच दिनों तक जारी रहता है। कहा जाता है कि इन पांच दिनों को ही भीष्म पंचक कहा जाता है जो कि एकादशी से पूर्णिमा तक मनाए जाते हैं। कहा जाता है ज्ञान प्राप्ति के पांच दिनों बाद श्रीकृष्ण ने कहा था कि इन पांच दिनों को भीष्म पंचक के नाम से जाना जाएगा। ये पांचों दिन काफी शुभ और मंगलकारी होंगे।

क्या है इसकी महिमा

कहते हैं ‘भीष्म पंचक’ व्रत रखने से व्यक्ति को काफी फायदे मिलते हैं। ये एक मंगलकारी और पुण्य फलदायी व्रत होता है। जो भी इन व्रत तो सच्ची भावना और निष्ठा के साथ करता है तो मृत्यु के बाद उसे मोक्ष मिलता है। इस व्रत को करने वाला व्यक्ति हमेशा निरोग रहता है और भगवान की सदैव ही उसपर कृपा दृष्टि रहती है।

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