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Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में भक्ति की डूबकी लगा रहे श्रद्धालु, दान और व्रत का होता है खास महत्व

Kartik Purnima 2023: देश में कार्तिक मास की पूर्णिमा को लोग गंगा स्नान करते हैं और भगवान शिव और विष्णु की आराधना करते हैं। कहा जाता है कि जो आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करता है, उसे 100 यज्ञों का पुण्य मिलता है।

नई दिल्ली। आज कार्तिक मास की सबसे बड़ी पूर्णिमा है और आज का स्नान सबसे बड़ा माना जाता है। देश में कार्तिक मास की पूर्णिमा को लोग गंगा स्नान करते हैं और भगवान शिव और विष्णु की आराधना करते हैं। कहा जाता है कि जो आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करता है, उसे 100 यज्ञों का पुण्य मिलता है। इस दिन व्रत और दान का विधान भी है। आज के दिन दान करने से पुण्य के साथ-साथ सारे बुरे पापों से मुक्ति भी मिल जाती है। इस बार कार्तिक मास की तिथि रविवार को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 27 नवंबर, शुक्रवार को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट कर रहेगी।


सुबह से ही देशभर से स्नान की तस्वीरें सामने आने लगी हैं। पीएम मोदी ने भी कार्तिक मास की पूर्णिमा की बधाई दी है। उन्होंने लिखा है-“श्रद्धा, भक्ति और दैवीय उपासना की भारतीय परंपरा से प्रकाशित पावन पर्व कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली की असीम शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर देशभर के मेरे परिवारजनों के जीवन में नई रौनक और स्फूर्ति लेकर आए।


उत्तर प्रदेश के हापुड़, वाराणसी में भक्तों को गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हुए देखा गया।इस मौके पर बच्चों से लेकर बूढों तक को डुबकी लगाते देखा गया।


हरिद्वार में सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए भक्तों ने की प्रार्थना

वहीं उत्तराखंड के हरिद्वार में भक्तों की भीड़ देखी गई। सुबह-सुबह ही हजारों श्रद्धालुओं को गंगा स्नान करते हुए देखा गया। इसके अलावा ‘देव दीपावली’ से पहले, भक्तों ने हरिद्वार में हर की पौड़ी पर 21,000 दीपक जलाए और सिल्क्यारा सुरंग में फंसे लोगों के लिए प्रार्थना की।


ओडिशा में  रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने पुरी में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर फूलों के साथ बोइता (पारंपरिक नाव) की रेत की मूर्ति बनाई। इसके अलावा भक्तों ने असम के गुवाहाटी में मां कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की।

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