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Shardiya Navratri 2022 Day 5: नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाएंगी मां कात्यायनी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Shardiya Navratri 2022 Day 5: चार भुजाओं और वाहन के रूप में सिंह को धारण करने वाली माता कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और चमकीला माना जाता है। मां कात्यायनी की पूजा पूर् भक्ति भाव से करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

नई दिल्ली। आज शारदीय नवरात्रि का छठवां दिन है। इस दिन मां शक्ति के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। नवरात्रि के दिन भक्त मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं। इसी क्रम में आज का दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। चार भुजाओं और वाहन के रूप में सिंह को धारण करने वाली माता कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और चमकीला माना जाता है। मां कात्यायनी की पूजा पूर् भक्ति भाव से करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं माता कात्यायनी की पूजा करने का शुभ मूर्त और तिथि…

शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:37 बजे से लेकर सुबह 05:25 तक।

अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:47 बजे ए एम से लेकर शाम 12:34 तक।

विजय मुहूर्त- शाम 02:09 बजे से लेकर शाम 02:57 तक।

गोधूलि मुहूर्त- शाम 5:55 बजे से लेकर शाम 06:19 तक।

अमृत काल- शाम 06:48 बजे से लेकर शाम 08:20 तक।

रवि योग- 2 अक्टूबर की सुबह 06:14 से लेकर सुबह 03:11 बजे तक   

पूजा-विधि

1.सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2.माता को शुद्ध जल या गंगाजल से स्नान कराएं।

3.उन्हें पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।

4.मां कात्यायनी को पुष्प अर्पित करें।

5.इसके बाद माता को रोली का कुमकुम लगाएं।

6.अब माता को पांच तरह के फल और मिष्ठान का भोग लगाएं।

7.मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना अत्यंत आवश्यक होता है।

8.अब माता का ध्यान कर उन्हें प्रणाम करें।

9.अंत में मां को प्रणाम कर उनकी आरती करें।

10.मां कात्यायनी की पूजा के लाभ-

11.धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, पूरे भक्ति भाव से मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने से विवाह संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।

12.कुंडली में मौजूद बृहस्पति की स्थित मजबूत होती है।

13.माता को शहद का भोग लगाने से सुंदर रूप प्राप्त होता है।

14.पूरे मन से माता की पूजा करने से सकारात्मकाता आती है साथ ही शत्रुओं का भय समाप्त हो जाता है।

15.स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से निजात मिलता है।

मां कात्यायनी का मंत्र

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

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