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Sunderkand Path : शनिवार को करें सुंदरकांड का पाठ, शनि दशा में मिलता है लाभ

नई दिल्ली। आज शनिवार है। इस दिन शनिदेव के अलवा हनुमान जी (Hanuman Ji) की भी पूजा की जाती है। हनुमान जी की पूजा करने से बरकत मिलती है। कहा जाता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ (Sundarakand Path) सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैं। लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है। यहां जानें सुंदरकांड का महत्व और लाभ-

सुंदरकांड का महत्व

रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है। इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्त के गुणों और उनकी विजय के बारे में बताया गया है। पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया है।

सुंदरकांड का पाठ करने वाले को लाभ

सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती। सभी तरह के डर और भय भी नहीं लगता। यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं।

शनिदशा में लाभ

शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने से शनि दशा में भी फायदा मिलता है। शनिदेव स्वयं हनुमानजी के भक्त हैं और उनसे भय खाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों पर शनि की ढय्या फिर साढ़ेसाती चल रही होए वे अगर रोजाना सुंदरकांड का पाठ करें तो शनि की महादशा का प्रभाव कम होता है।

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