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Rinku Murder Case: लाल किले की हिंसा और रिंकू शर्मा की हत्या पर केजरीवाल सरकार का दिखा ‘दोहरा चरित्र!’

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नई दिल्ली। दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में बीते दिनों रिंकू शर्मा नाम के एक शख्स की चाकूओं से हमलाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के सांसद और नेता मृतक रिंकू शर्मा के परिवार से मिलने पहुंचे। हालांकि रिंकू के घर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ना पहुंचना, विपक्ष को नया मुद्दा दे रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर भी लोग केजरीवाल से सवाल कर रहे हैं कि आखिर रिंकू शर्मा, जोकि दिल्ली का ही रहने वाला था, उसके घर जाने में कितनी दिक्कतें आ रही हैं केजरीवाल को? वहीं रविवार को भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी जब रिंकू शर्मा के परिवार से मिलने पहुंचे तो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि, इस जघन्य घटना पर केजरीवाल की चुप्पी भी किसी खतरनाक संकेत से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि “इतनी बड़ी घटना के बाद भी दिवंगत रिंकू के परिवार से मुख्यमंत्री का ना मिलने आना एक ज़हरीली मानसिकता को दिखाता है।”

कांग्रेस की तरफ से भी केजरीवाल पर निशाना

मृतक के घर ना जाने पर सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस की तरफ से भी केजरीवाल पर निशाना साधा जा रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने तो केजरीवाल के एक पुराने ट्वीट को लेकर हमला बोला। सिंघवी ने केजरीवाल के 3 अक्टूबर, 2015 के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए सवाल किया कि आखिर वो रिंकू शर्मा के घर कब जा रहे हैं? सिंघवी ने अपने ट्वीट में केजरीवाल से सवाल किया कि, “रिंकू शर्मा के परिजनों से मिलने का कोई प्लान है? मंगोलपुरी तो दादरी से ज्यादा पास है। दोनों ही घटनाएं गंभीर थी केवल आपको याद दिला रहा था। अगर कोई यूपी जा सकता है तो फिर अपने राज्य में भी पीड़ित के जरूर ही जाना चाहिए।”

रिंकू अगर रहमान होता तो केजरीवाल पहुंचते उसके घर

दअरसल, अरविंद केजरीवाल का यह पुराना ट्वीट तब का है जब यूपी में अखलाक की मॉब लिंचिंग हो गई थी। उस वक्त अखलाक की मौत पर केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा था कि मैं रास्ते में हूं और अखलाक के परिजनों से मिलने जा रहा हूं। वहीं केजरीवाल पर आरोप लगाया जा रहा है कि रिंकू शर्मा विशेष समुदाय से नहीं था, इसलिए वो उसके घर नहीं जा रहे हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि रिंकू शर्मा अगर रहमान होता तो केजरीवाल सबसे पहले उसके घर पहुंचते और सहायता राशि देने का ऐलान कर देते।

एक करोड़ रुपये जुटाने की कपिल मिश्रा की मुहिम

बता दें कि रिंकू शर्मा के परिवार को आर्थिक सहायता देने को लेकर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक करोड़ रुपये जुटाने की मुहिम छेड़ी हुई है। इस फंड को कपिल मिश्रा मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिलकर सौपेंगे। इसको लेकर भी केजरीवाल पर सवाल दागे जा रहे हैं कि, भाजपा नेता अगर कपिल मिश्रा पीड़ित परिवार से मिलकर एक करोड़ रुपये देने की बात करते हैं तो दिल्ली का सीएम होने के बाद भी रिंकू शर्मा को कोई आर्थिक सहायता देने का ऐलान क्यों नहीं कर पा रहे केजरीवाल?

केजरीवाल पर डबल स्टैंडर्ड रखने का आरोप

दोहरे चरित्र को लेकर केजरीवाल पर आरोप यही नहीं रुकता है, दिल्ली पुलिस की कार्यशैली को लेकर भी केजरीवाल पर डबल स्टैंडर्ड रखने का आरोप लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि एक तरफ केजरीवाल दिल्ली में लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर पुलिसिया कार्रवाई चाहते हैं, और साथ ही गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हैं कि लाल किले पर हुई हिंसा के समय दिल्ली पुलिस मूकदर्शक क्यों बनी रही और उसे कार्रवाई करने का आदेश गृह मंत्री ने क्यों नहीं दिया? बता दें कि केजरीवाल ने यहां चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस लाल किले पर हुई हिंसा में शामिल लोगों पर एक्शन ले।

पुलिस कार्रवाई करे तो भी दिक्कत!

वहीं जब पुलिस किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट को लेकर कार्रवाई करती है तो केजरीवाल और उनके नेता इसका विरोध करने लगते हैं। दरअसल टूलकिट मामले को लेकर जब दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को गिरफ्तार किया तो केजरीवाल इसके विरोध में नजर आए। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि, ‘‘21 वर्षीय दिशा की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला है। हमारे किसानों का समर्थन करना कोई अपराध नहीं है।’’ साफ है कि, दिल्ली पुलिस कार्रवाई ना करे तो भी सीएम केजरीवाल को दिक्कत, और अगर कार्रवाई करे तो भी दिक्कत!

आखिर केजरीवाल का असली स्टैंड क्या है?

आम आदमी पार्टी की राजनीति कुछ ऐसी है कि दिल्ली हिंसा मामला हो या फिर रिंकू शर्मा की हत्या का मामला, इन सभी में केजरीवाल के नेता गृह मंत्री अमित शाह के कंट्रोल में आने वाली दिल्ली पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि आखिर केजरीवाल का असली स्टैंड क्या है?

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