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अब Apple भी चीन से अपना कारोबार हटाकर भारत में इनवेस्ट करने के लिए तैयार

नई दिल्ली। भारत के लिये कोरोनावायरस आर्थिक क्षेत्र में एक वरदान साबित हो सकता है। इसके लिये बस देश को कुछ जरुरी सुविधा दुनिया भर के कंपनियों को देना होगा। जिसके बाद भारत इस वैश्विक महामारी के बाद 5 ट्रिलियन इकॉनोमी को हासिल कर सकता है। इस बाबत भारत के लिये खुशखबरी है कि दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन में शुमार एपल चीन से जल्द ही भारत में अपना प्रोडक्शन युनिट को शुरू कर सकता है।

मालूम हो कि एपल ने इसके लिये अगले 5 साल के लिये एक खाका तैयार किया है, जिसके तहत 40 बिलियन डॉलर की लागत से मोबाइल उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। माना जा रहा है कि एपल कंपनी प्रोडक्शन का पांचवा हिस्सा चीन से हटाकर भारत में शुरु करने की तैयारी में जुट गया है। बता दें कि एपल स्मार्टफोन के उत्पादन में दुनिया भर में एक जाना पहचाना कंपनी है। हालांकि भारत में फिलहाल यह उत्पादन पीएलआई स्कीम (प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम) के तहत किया जाएगा। जिसमें अनुबंध के माध्यम से आगे बढ़ने की योजना है।

हाल के महीनों में जिस तरह से चीन से दुनिया के सभी देशों में नाराजगी देखी गई है,ऐसे में भारत के लिये यह किसी अवसर से कम नहीं है। माना जा रहा है कि भारत में उत्पादन करने से इन कंपनियों को आयात शुल्क बचेंगे। साथ ही भारत में कम कीमत पर स्किल्ड लेवर मौजूद है,जिसका लाभ इन कंपनियों को उठाना चाहिये। भारत में मोबाइल उत्पादन की अपार क्षमता है। जिसमें असेंबली से लेकर टेस्टिंग, मेकिंग और पैकेजिंग यूनिट तक आराम से लगाई जा सकती है।

अमेरिका से बाहर उत्पादन पर लगेगा टैक्स, यहां फंसा है एपल के लिए पेंच

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से अपने विनिर्माण कारोबार को अमेरिका लाने के बजाए भारत और आयरलैंड जैसे देशों में ले जाने की तैयारी कर रहीं एपल जैसी अमेरिकी कंपनियों पर नए कर लगाने की धमकी दी है।

ट्रंप ने फॉक्स बिजनेस न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि कंपनियों को कर प्रोत्साहन दिया गया था, ताकि वे अपने विनिर्माण कारोबार को वापस अमेरिका लाएं। उन्होंने कहा कि, ‘एपल ने कहा है कि अब वे भारत जाने वाले हैं। वे चीन से हटकर कुछ उत्पादन भारत में करने जा रहे हैं। अगर वे ऐसा करते हैं, तो आप समझ लीजिए कि हम एपल को थोड़ा सा झटका देंगे क्योंकि वे एक ऐसी कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जो हमारे द्वारा किए गए व्यापार सौदे का हिस्सा थी। इसलिए यह एपल के लिए थोड़ा अनुचित है, लेकिन हम अब इसकी इजाजत नहीं देंगे। अगर हम दूसरे देशों की तरह अपनी सीमाओं को बंद कर लेंगे, तो एपल अपने शत प्रतिशत उत्पादों को अमेरिका में ही बनाएगी।

ट्रंप ने कहा, ‘बात स्पष्ट है, जब वे उत्पाद बाहर बनाते हैं तो उस पर टैक्स लगाना एक उपाय है। हमें उनके लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। उन्हें हमारे लिए करना होगा। ट्रंप ने कहा कि वह विनिर्माण को अमेरिका में वापस लाना चाहते हैं।

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