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DHFL के प्रमोटर जेल में बंद, अब परिवार की संपत्तियां बेचकर उधार चुकाएंगे

दिवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) पर काफी समय से संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में अभी भी कंपनी की मुश्किलें खत्म होते हुए नजर नहीं आ रही है।

नई दिल्ली। दिवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) पर काफी समय से संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में अभी भी कंपनी की मुश्किलें खत्म होते हुए नजर नहीं आ रही है। दरअसल, कंपनी के प्रमोटर कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) कर्ज नहीं चुका पाने के कारण जेल में बंद (Jailed) हैं। ऐसे में अब उन्होंने बड़ा फैसला लिया है।

दरअसल, कपिल वधावन ने निजी और परिवार की संपत्तियों (Family Properties) को बेचकर कंपनी के कर्जदाताओं (Lenders) का बकाया चुकाने की पेशकश की है। वधावन ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से नियुक्त प्रशासक आर. सुब्रमण्यकुमार को 17 अक्टूबर को लिखे पत्र में दावा किया है कि इन संपत्तियों का मूल्य 43,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा है।

वधावन ने की ये पेशकश

वधावन का कहना है कि उनकी इस पेशकश से इन संपत्तियों का अधिकतम मूल्य सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने परिवार के रीयल एस्टेट पोर्टफोलियो की कई परियोजनाओं के अधिकार और हिस्सेदारी को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव किया है, जिससे डीएचएफएल का कर्ज आसानी से निपट सकेगा।

वधावन के मुताबिक संपत्तियों का भी अधिकतम मूल्य हासिल हो सकेगा। इन परियोजनाओं के मूल्यांकन में जुहू गल्ली परियोजना और इरला परियोजनाएं शामिल हैं। चिट्ठी में कहा गया है कि बाजार मूल्‍य से 15 फीसदी कम दर से मूल्यांकन करने पर भी इन परियोजनाओं की कीमत 43,879 करोड़ रुपये बैठती है।

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