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ATM Users: अब भारतीयों का ‘कैश’ से इंट्रस्ट खत्म!, ATM यूजर्स भी हुए कम, सामने आए ये चौंकाने वाले आंकड़े

नई दिल्ली। क्या आपको पता है कि एटीएम से प्रतिमाह कितने कैश की निकासी होती है? अगर आपके पास इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है, तो हम आपको बता दें कि आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, क्योंकि यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि हमारे देश के एटीएम में प्रतिमाह कितने कैश की निकासी होती है। इस संदर्भ में जानकारी जुटाने के लिए Capitalmind के संस्थापक और सीईओ दीपक शेनॉय ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक आकड़ा जारी किया है, जिसके बाद से कारोबार की दुनिया में चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है।

उन्होंने अपने द्वारा जारी किए गए आंकड़े में स्पष्ट कर दिया कि भारत में प्रतिमाह 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए की निकासी होती है। जिससे स्पष्ट होता है कि आज भी भारत की जनसंख्या के अनुपात को ध्यान में रखते हुए एटीएम उपयोगकर्ताओं की संख्या कम है। वहीं, उन्होंने अपने द्वारा साझा किए गए पोस्ट में यह कहने से तनिक भी गुरेज नहीं किया कि आरबीआई द्वारा मुद्रित शेष नकदी का उपयोग जमाखोरी के लिए किया जाता है। वास्तव में छोटे पारिस्थितिकी तंत्र जैसे कि दूरदराज के गांव, रियल एस्टेट, रिश्वत आदि।

उन्होंने इस संदर्भ में आगे कहा कि लेनदेन की गई नकदी की मेरी परिभाषा है: आप नकद भुगतान करते हैं, व्यापारी इसे अपने खाते में डालता है, आप अगले महीने अधिक नकदी निकालते हैं। इसमें वे चीजें शामिल नहीं हैं जहां आप ए को नकद भुगतान करते हैं, और फिर ए बी को भुगतान करता है, जो सी को भुगतान करता है। अंततः आपको सारा भुगतान नकद में किया जा सकता है – मेरे विचार से यह बहुत छोटा ब्रह्मांड है। बहरहाल, उक्त आंकड़ों से एक बात तो साफ हो जाती है कि आज भी हमारे देश में एटीएम का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या कम है।


इसकी एक वजह यह भी है कि अधिकांश लोग अपने आर्थिक लेन-देन को संपन्न करने के लिए यूयीआई जैसे साधनों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, लोगों की सुविधा के लिए जगह-जगह एटीएम हैं। दीपक शेनॉय ने इस संदर्भ में एक आंकड़ा साझा करते हुए कहा कि सीसी को करीब 1.37 लाख करोड़ का नुकसान दिख रहा है. प्रति माह खर्च. यूपीआई 14.75 लाख करोड़ जैसा है. यानी हर महीने 14 ट्रिलियन रुपए. फिलहाल,. उक्त आंकड़ों ने एक बात साफ कर दी है कि अब कारोबारी दुनिया में आर्थिक लेन देन के दौरान रोकड़ की भूमिका कम हो रही है।

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