नई दिल्ली। क्या आपको पता है कि एटीएम से प्रतिमाह कितने कैश की निकासी होती है? अगर आपके पास इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है, तो हम आपको बता दें कि आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, क्योंकि यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि हमारे देश के एटीएम में प्रतिमाह कितने कैश की निकासी होती है। इस संदर्भ में जानकारी जुटाने के लिए Capitalmind के संस्थापक और सीईओ दीपक शेनॉय ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक आकड़ा जारी किया है, जिसके बाद से कारोबार की दुनिया में चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है।
उन्होंने अपने द्वारा जारी किए गए आंकड़े में स्पष्ट कर दिया कि भारत में प्रतिमाह 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए की निकासी होती है। जिससे स्पष्ट होता है कि आज भी भारत की जनसंख्या के अनुपात को ध्यान में रखते हुए एटीएम उपयोगकर्ताओं की संख्या कम है। वहीं, उन्होंने अपने द्वारा साझा किए गए पोस्ट में यह कहने से तनिक भी गुरेज नहीं किया कि आरबीआई द्वारा मुद्रित शेष नकदी का उपयोग जमाखोरी के लिए किया जाता है। वास्तव में छोटे पारिस्थितिकी तंत्र जैसे कि दूरदराज के गांव, रियल एस्टेट, रिश्वत आदि।
I checked out RBI data again for how much cash is being withdrawn from ATMs monthly – and the numbers look like it’s stagnant for five years. Roughly 260,000 cr. per month.
This is the transacted cash in the system (rest of the cash printed by RBI is used for hoarding, really… pic.twitter.com/LUAijpxZTH
— Deepak Shenoy (@deepakshenoy) September 18, 2023
उन्होंने इस संदर्भ में आगे कहा कि लेनदेन की गई नकदी की मेरी परिभाषा है: आप नकद भुगतान करते हैं, व्यापारी इसे अपने खाते में डालता है, आप अगले महीने अधिक नकदी निकालते हैं। इसमें वे चीजें शामिल नहीं हैं जहां आप ए को नकद भुगतान करते हैं, और फिर ए बी को भुगतान करता है, जो सी को भुगतान करता है। अंततः आपको सारा भुगतान नकद में किया जा सकता है – मेरे विचार से यह बहुत छोटा ब्रह्मांड है। बहरहाल, उक्त आंकड़ों से एक बात तो साफ हो जाती है कि आज भी हमारे देश में एटीएम का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या कम है।
And it’s not credit cards, really. CCs see about 1.37 lakh cr. per month of spending. UPI is like 14.75 lakh crore. That’s 14 trillion rupees each month. Cash is less important now in transactions than ever before, I think pic.twitter.com/3K39T5kXKL
— Deepak Shenoy (@deepakshenoy) September 18, 2023
इसकी एक वजह यह भी है कि अधिकांश लोग अपने आर्थिक लेन-देन को संपन्न करने के लिए यूयीआई जैसे साधनों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, लोगों की सुविधा के लिए जगह-जगह एटीएम हैं। दीपक शेनॉय ने इस संदर्भ में एक आंकड़ा साझा करते हुए कहा कि सीसी को करीब 1.37 लाख करोड़ का नुकसान दिख रहा है. प्रति माह खर्च. यूपीआई 14.75 लाख करोड़ जैसा है. यानी हर महीने 14 ट्रिलियन रुपए. फिलहाल,. उक्त आंकड़ों ने एक बात साफ कर दी है कि अब कारोबारी दुनिया में आर्थिक लेन देन के दौरान रोकड़ की भूमिका कम हो रही है।