नई दिल्ली। मोदी सरकार ने विदेशी कंपनियों को मेक इन इंडिया के तहत भारत में लाने के लिए कई कदम उठाए। इनमें से एक पीएलआई स्कीम भी है। इसी पीएलआई स्कीम से भारत में रोजगार पैदा करने में बड़ी सफलता हाथ लगी है। अगर मोबाइल और लैपटॉप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एप्पल की ही बात करें, तो भारत में उसके फोन बनाने वाली कंपनियों और उनको सामान सप्लाई करने वालों ने बीते 19 महीने में 1 लाख युवाओं को अपने यहां रोजगार दिया है। इसी साल इन कंपनियों ने 7000 से ज्यादा नौकरियां दी हैं। अभी मार्च का महीना बचा है। ऐसे में मौजूदा वित्तीय वर्ष में एप्पल के फोन बनाने वाली ये कंपनियां और भी लोगों को रोजगार दे सकती हैं।
This is consistent with what the Naukri Jobspeak index is saying pic.twitter.com/fooZbq7g6z
— Sanjeev Bikhchandani (@sbikh) February 28, 2023
मोदी सरकार ने अगस्त 2021 में पीएलआई स्कीम का एलान किया था। बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार के मुताबिक इस पीएलआई स्कीम के आने के बाद एप्पल का फोन बनाने वाली फॉक्सकॉन हॉन हाई, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन ने कुल नौकरियों में से 60 फीसदी दीं। इनमें से तमिलनाडु स्थित फॉक्सकॉन हॉन हाई ने ही 35500 युवाओं को रोजगार दिया। तमिलनाडु में पेगाट्रॉन की भी इकाई है। वहां 14000 युवाओं को रोजगार मिला। जबकि, कर्नाटक स्थित विस्ट्रॉन में 12800 युवाओं को रोजगार मिला है।
एप्पल के फोन बनाने के लिए उपरोक्त कंपनियों को सामान की सप्लाई करने वाले टाटाज इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी रोजगार पैदा किए। सैलकॉम्प ने 11000 युवाओं को रोजगार दिया। जाबिल, फॉक्सलिंक और सुनवोडा ने भी युवाओं को नौकरी दी है। मोदी सरकार ने 6 अक्टूबर 2020 को कहा था कि पीएलआई स्कीम से 200000 युवाओं को सीधे रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा परोक्ष तौर पर भी रोजगार मिलेगा। यानी कुल रोजगार करीब 300000 युवाओं को मिलेगा। भारतीय सेलुलर और इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के मुताबिक पिछले 7 साल में इस क्षेत्र में करीब 20 लाख युवाओं को नौकरी मिली है।