नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में लगातार दूसरी बार की कटौती है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि मोनेट्री पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट कम करने पर अपनी सहमति दे दी है। रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी कि 0.25 प्रतिशत की कमी की गई है इस तरह से रेपो रेट अब 6 प्रतिशत हो गया है। आरबीआई के इस फैसले से लोन लेने वालों को राहत मिलेगी क्योंकि उनकी ईएमआई घट जाएगी। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के बीच आरबीआई गवर्नर ने आम लोगों को बहुत बड़ी राहत प्रदान की है।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″><p lang=”en” dir=”ltr”>RBI cut the repo rate by 25 basis points to 6% to support the economy but it has downsides too.<br><br>>Inflation may rise<br>>Bank interest on savings may fall<br>>Rupee could weaken<br><br>Repo Rate cuts help, but come with risks too.<a href=”https://twitter.com/hashtag/RBI?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#RBI</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/MPCMeeting?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#MPCMeeting</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/TrumpTariffs?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#TrumpTariffs</a> <a href=”https://t.co/anD6K75RnQ”>pic.twitter.com/anD6K75RnQ</a></p>— Anmol Week (@vachan_milki) <a href=”https://twitter.com/vachan_milki/status/1909836246781690229?ref_src=twsrc%5Etfw”>April 9, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
इससे पहले आरबीआई ने फरवरी 2025 में मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती करने की घोषणा की थी। इस कटौती के बाद रेपो रेट जो पहले 6.50 फीसदी था वो कम होकर 6.25 फीसदी रह गया था। अगर उससे पहले की बात करें तो आरबीआई ने मई 2020 में रेपो रेट घटाया था। अब लगभग पांच साल के आरबीआई ने दो महीनों में दो बार रेपो रेट कम किया है। आरबीआई ने रेपो रेट कम करके से उन लाखों लोगों को राहत दी है जिन्होंने बैंकों से होम लोन, कार लोन या अन्य किसी प्रकार का ऋण ले रखा है। केंद्रीय बजट में 12 लाख तक की आय को टैक्स फ्री किए जाने के बाद अब से सरकार लगातार लोगों के लिए राहत भरे फैसले ले रही है।
क्या होता है रेपो रेट?
भारतीय रिजर्व बैंक देश के सभी बैंकों को ऋण उपलब्ध कराता है। आरबीआई से मिले इस ऋण से ही बैंकों द्वारा लोगों को लोन दिया जाता है। बैंकों को ऋण देने के लिए आरबीआई की तरफ से जो ब्याज दर निर्धारित की जाती है उसे ही रेपो रेट कहा जाता है। अगर रेपो रेट कम होगा तो बैंक भी लोन देने के लिए रेट ऑफ इंट्रेस्ट कम रखेंगी।