नई दिल्ली। मीडिया जगत की पिछले दो दिन से सबसे बड़ी खबर एनडीटीवी के शेयर लेने के अडाणी ग्रुप के कदम की है। एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडाणी ने एक कंपनी को खरीदकर एनडीटीवी के 29 फीसदी शेयर हासिल किए हैं। इसके अलावा अडाणी ग्रुप ने ये एलान भी किया है कि वो बाजार से 26 फीसदी शेयर और खरीदने का इच्छुक है। ऐसा हो गया, तो एनडीटीवी के प्रमोटर्स प्रणय राय और उनकी पत्नी राधिका राय के हाथ से एनडीटीवी निकल जाएगा। हालांकि, एनडीटीवी की तरफ से कहा गया है कि वो चैनल टेकओवर के अडाणी के तरीके के खिलाफ सभी जरूरी कानूनी विकल्प अपनाएगी।
एनडीटीवी ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंज में बताया कि चैनल के संस्थापक रॉय दंपति पर शेयर खरीदने या बेचने की रोक है। इसके कारण अडाणी ग्रुप को पहले शेयर मार्केट के रेगुलेटर सेबी से मंजूरी लेनी होगी। सेबी से मंजूरी लेने के बाद ही अडाणी ग्रुप एनडीटीवी पर पूरी तरह काबिज हो सकेगा। इससे पहले मंगलवार को गौतम अडाणी के अडाणी एंटरप्राइजेज ने बयान जारी कर बताया था कि उसने विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड को खरीद लिया है। इस कंपनी से एनडीटीवी ने कर्ज लिया था। जिसे न चुकाने पर कर्ज की रकम के बराबर शेयर बनाने का समझौता था। इसी समझौते के तहत अडाणी के ग्रुप ने कर्ज के बदले 29.18 फीसदी शेयर ले लिए थे।
सेबी के नियमों के मुताबिक अगर कोई कंपनी किसी और कंपनी में 25 फीसदी से ज्यादा के शेयर हासिल करती है, तो उसे कंपनी पर काबिज होने के लिए ओपन मार्केट यानी शेयरधारकों से शेयर खरीदने का ऑफर देना होता है। इस तरह के ओपन ऑफर में शेयरधारकों से एक खास कीमत पर शेयर खरीदे जाते हैं। अडाणी ग्रुप ने यही ओपन ऑफर देने की बात कही है। वहीं, एनडीटीवी मैनेजमेंट का कहना है कि उससे पूछे बिना या सलाह लिए बगैर ही अडाणी ग्रुप में कर्ज को शेयर में बदल लिया। रॉय दंपति की ओर से कंपनी ने ये दावा भी किया था कि उनके पास अब भी एनडीटीवी के 63 फीसदी से ज्यादा शेयर हैं।