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केवल फेफड़े ही नहीं दिमाग पर भी असर करता है कोरोनावायरस, हुआ दावा!

नई दिल्ली। एक तरफ विश्व में वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवा को लेकर रिसर्च का रहे हैं वहीं इस महामारी को लेकर एक नई स्टडी सामने आयी है। जिसमें पता चला है कि ये घातक वायरस शरीर में सिर्फ फेफड़ों पर ही असर नहीं करता बल्कि दिमाग पर भी बुरा असर डालता है।

लंदन के वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोरोना वायरस की वजह से दिमाग काम करना कम कर देता है। इसका नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। दिमाग की नसों में सूजन आ जाती है। संक्रमित इंसान फिजूल बातें सोचता है और फालतू की बातें करने लगता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने कोरोना से जूझ रहे 43 मरीजों के दिमाग की जांच की। उनको निगरानी में रखा तो पता चला कि कोरोना वायरस की वजह से मरीजों के दिमाग की नसें सूज जा रही हैं। मनोविकृति हो रही है और वे बेवजह बातें करने लगते हैं।

यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजी के माइकल जैंडी और इस स्टडी के सहायक लेखक ने बताया कि अगर हम बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के असर को देखते हैं तो पाएंगे कि यह 1920 और 1930 में फैले इंफ्लूएंजा फ्लू की तरह ही मरीजों के दिमाग पर बुरा असर डाल रहा है।

आमतौर पर ये माना जाता है कि कोरोना वायरस का ज्यादातर असर फेफड़ों और शरीर की श्वास प्रणाली पर होता है। लेकिन अब दिमाग पर भी इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। कनाडा की वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंटिस्ट एड्रियन ओवेन ने बताया कि इस समय सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि कोरोना वायरस से लाखों लोग पीड़ित हैं। अगर एक साल के अंदर 1 करोड़ लोग भी इस बीमारी से रिकवर हो जाते हैं तब भी उनके शरीर में कई बीमारियां घर बना लेंगी। उनमें से दिमागी समस्याएं भी प्रमुख होंगी। इससे उनका डेली रूटीन का काम खराब होगा।

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