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कोविड-19 वैक्सीन के लिए लक्ष्मी मित्तल व उनके परिवार ने खोला खजाना, दान किए इतने करोड़ रुपये

Laxmi Mittal Lakshmi

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं, एक्सपर्ट का मानना है कि इसपर लगाम अब तभी संभव है जब इसकी वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होगी। ऐसे में कई देश वैक्सीन निर्माण के ट्रायल के स्टेज पर पहुंच चुके हैं, सफलता जल्द मिल सकती है। इन सबके बीच ग्लोबल स्टील टाइकून के नाम से पहचाने जाने वाले लक्ष्मी निवास मित्तल और उनके प​रिवार ने कोरोना वायरस वैक्सीन तैयार करने के लिए अपना खजाना खोल दिया है।

बता दें कि लक्ष्मी निवास मित्तल और उनके प​रिवार ने कोरोना वायरस वैक्सीन तैयार करने के लिए 35 लाख पाउंड (करीब 3300 करोड़ रुपये) का अनुदान दिया है। मित्तल परिवार ने यह रकम ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीनोलॉजी विभाग को दिया है। यह विभाग जेनर इंस्टीट्यूट के अंतर्गत आता है और इसके निदेशक प्रोफेसर एड्रियन हिल हैं। अब इस विभाग का नाम बदलकर ‘लक्ष्मी मित्तल एंड फैमिली प्रोफेसरशिप ऑफ वैक्सीनोलॉजी’ रखा जाएगा। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डेवलपमेंट ऑफिस ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है।

जेनर इंस्टीट्यूट को वैक्सीन की पढ़ाई को लेकर दुनिया का सबसे बेहतरीन इंस्टीट्यूट माना जाता है। कोविड-19 के वैक्सीन को लेकर यह इंस्टीट्यूट जोर-शोर से जुटा हुआ है। अब यह दुनिया का सबसे बड़ा एकेडेमिक वैक्सीन सेंटर बन चुका है। फिलहाल, इस इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किए गए एक वैक्सीन का मानव ट्रायल यूनाइटेड किंग्डम, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में चल रहा है।

इस रिपोर्ट में आर्सेलरमित्तल के CEO लक्ष्मी मित्तल के हवाले से लिखा गया है, ‘पूरी ​दुनिया के लिए यह साल एक वेकअप कॉल है ताकि हम ​भविष्य के लिए खुद को तैयार कर सकें।।हम सभी ने महसूस किया है कि कैसे एक महामारी समाजिक और आर्थिक स्तर पर नुकसान पहुंचा सकती है।’ उन्होंने आगे कहा कि मैं हमेशा से ही हेल्थकेयर में विशेष रुचि रखता हूं। सभी की तरह मैं भी कोविड-19 वैक्सीन को लेकर होने वाले काम पर ध्यान रहा था।

अनुदान देने को लेकर मित्तल ने कहा, ‘प्रोफेसर हिल से एक दिलचस्प बातचीत के बाद मेरे परिवार और मैंने इस निर्णय पर पहुंचे कि हिल और उनकी टीम पूरी मेहनत और लगन से काम कर रही है। वो केवल मौजूदा संकट के लिए नहीं, बल्कि आगामी भविष्य की संभावित चुनौतियों पर भी काम कर रहे हैं।’

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