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UPSC Result 2021: दिल्ली पुलिस में पिता है हेड कॉन्सटेबल, बिटिया बनी IAS; तीसरे प्रयास में हासिल किया 8वां स्थान

नई दिल्ली। हाल ही में UPSC का परिणाम घोषित हुआ है, जिसमें यूपी की श्रुति शर्मा ने पहला स्थान हासिल किया। इस परीक्षा में टॉप थ्री पर कब्जा जमाने वाली सभी प्रतिभागी लड़कियां है, जो अलग-अलग जिले से आती हैं। वहीं आठवें स्थान पर भी काबिज होने वाली दिल्ली के छतरपुर की रहने वाली इशिता राठी हैं। इशिता का पूरा परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का रहने वाला है, लेकिन वर्तमान में उनका परिवार दिल्ली के छतरपुर के एनक्लेव फेस वन में रहता है। इशिता के पिता दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल पद पर कार्यरत हैं। इशिता राठी ने ये परीक्षा अपने तीसरे प्रयास में पास की है। इशिता ने स्कूली शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल वसंत कुंज से की है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में स्नातक किया है। मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उन्होंने इकोनॉमिक्स में ही एमए की पढ़ाई की है। इशिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ‘ये मेरा तीसरा प्रयास था और जब मेरा परिणाम आया तो मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ कि मैंने टॉप 10 में अपनी जगह बना ली है।’

इशिता के पिता का नाम आईएस राठी है, जो दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। वहीं, उनकी माता मीनाक्षी राठी सरिता विहार में दिल्ली पुलिस में एएसआई पद पर तैनात हैं। इशिता का एक भाई भी है, जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है। इशिता के एक चाचा है, सीबीआई में है। इशिता की सफलता पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। उनके पिता ने बताया कि ‘उन्हें काफी खुशी है कि उनकी बिटिया ने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनके गांव बागपत में भी बिटिया के इस परीक्षा में पास होने के बाद से खुशी का माहौल है। घर के आसपास के लोगों में भी काफी खुशी है। सुबह से ही बधाई संदेश आ रहे हैं।’

इशिता राठी आगे कहती हैं कि ‘मैं अपने आप को भाग्यशाली मानती हूं।’ इशिता अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और दोस्तों को देना चाहती हैं। वो कहती हैं कि ‘मेरे परिवार के लोगों को मुझ पर काफी भरोसा था। वो इस परिणाम से काफी खुश हैं।’ उन्होंने आईएएस को पहली वरीयता दी है। उनके अनुसार, ये परीक्षा काफी कठिन है, इसलिए बेहद जरूरी है कि पूरी तरह से इस पर फोकस किया जाए। जब आप अपने ऊपर भरोसा रखते हैं और तब परीक्षा देते हैं तो चयन की संभावना भी बढ़ जाती है। मीडिया द्वारा पूछे गए इस सवाल पर कि टॉप-3 में लड़कियों ने बाजी मारी है इसे वो कैसे देखती हैं? इस सवाल पर वो बताती हैं कि ये गर्व की बात है कि लड़कियों का झंडा यूपीएससी में लहरा रहा है। ये एक सकारात्मक बदलाव है।

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