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Badaun Lok Sabha Seat : बदायूं से आदित्य यादव ने भरा नामांकन, क्या वजह है जो शिवपाल ने अपनी जगह बेटे को चुनावी मैदान में उतारा?

Badaun Lok Sabha Seat : अखिलेश यादव ने सबसे पहले बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के नाम की घोषणा की थी। बाद में चाचा शिवपाल यादव को यहां से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया। शिवपाल ने कुछ दिन प्रचार के बाद अपनी टिकट वापसी कराते हुए बेटे आदित्य का नाम फाइनल करा दिया।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव के बेटे आदित्य भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। शिवपाल ने बदायूं से अपना टिकट कटवाकर बेटे आदित्य को चुनाव में उतारा है। आदित्य ने आज बदायूं में अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया। आखिर क्या वजह रही जो शिवपाल यादव ने अपनी टिकट वापस कराते हुए अपने बेटे आदित्य को यहां से चुनावी मैदान में उतारने का फैसला लिया।

दरअसल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सबसे पहले बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के नाम की घोषणा की थी जो यहां से पहले भी चुनाव लड़ते रहे हैं। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने उनको हरा दिया था। इसके बाद अखिलेश ने धर्मेंद को आजमगढ़ से प्रत्याशी घोषित करते हुए बदायूं से अपने चाचा शिवपाल यादव के चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। शिवपाल ने बदायूं जाकर लोगों से मिले और चुनाव की थाह लेनी शुरू की। इस दौरान शिवपाल के बेटे आदित्य ने उनके चुनाव प्रचार की कमान संभाली। आखिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक शिवपाल ने अपना नाम वापस लेते हुए आदित्य को टिकट दिलवाई। इस बारे में खुद शिवपाल का कहना है कि ये मेरा नहीं बदायूं के लोगों का फैसला है।

शिवपाल बोले, बदायूं के लोग युवा नेतृत्व की मांग कर रहे थे। बदायूं के लोगों ने युवा धर्मेंद को चुनकर संसद पहुंचाया था। अब पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से आदित्य को चुनाव में उतारने की मांग की गई। इस पर मैंने पार्टी अध्यक्ष के सामने आदित्य के नाम का प्रस्ताव रखा जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। आदित्य यादव कई दिनों से बदायूं में डेरा डाले हुए हैं। आदित्य जोर शोर से चुनाव प्रचार में भी जुटे हुए हैं। आज नामांकन से पहले आदित्य ने बदायूं के प्राचीन विरुआबाड़ी शिव मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की।

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