मुंबई। आज के दौर में कलाकार अपने किरदार को वास्तविक बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अभिनेत्री बिदिता बेग को ले सकते हैं। बिदिता सामाजिक कार्यकर्ता दया बाई की बायोपिक में अपने किरदार के लिए भोपाल में रहने के दौरान नंगे पांव चलीं।
फिल्म में अपने किरदार की तैयारी को लेकर अभिनेत्री ने कहा, “यह मेरे लिए बहुत ज्यादा कठिन था, लेकिन मुझे पता था कि मुझे एक कलाकार के रूप में खुद को साबित करना है। इस फिल्म की तैयारी, मेरे लिए भावनात्मक रूप से दर्दनाक थी। मीडिया और लोगों को मेरा किरदार पसंद आए, इसलिए मैंने सच में कड़ी मेहनत की। यह बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि मैं उनकी (दया बाई) तरह नहीं हूं। मैं उनकी तरह शारीरिक हाव-भाव, चलने का ढंग और बातचीत करने की कोशिश कर रही थी।”