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किरदार की तैयारी के लिए नंगे पांव चलीं बिदिता बेग

आज के दौर में कलाकार अपने किरदार को वास्तविक बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अभिनेत्री बिदिता बेग को ले सकते हैं। बिदिता सामाजिक कार्यकर्ता दया बाई की बायोपिक में अपने किरदार के लिए भोपाल में रहने के दौरान नंगे पांव चलीं।

मुंबई।  आज के दौर में कलाकार अपने किरदार को वास्तविक बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अभिनेत्री बिदिता बेग को ले सकते हैं। बिदिता सामाजिक कार्यकर्ता दया बाई की बायोपिक में अपने किरदार के लिए भोपाल में रहने के दौरान नंगे पांव चलीं।bidita bag

फिल्म में अपने किरदार की तैयारी को लेकर अभिनेत्री ने कहा, “यह मेरे लिए बहुत ज्यादा कठिन था, लेकिन मुझे पता था कि मुझे एक कलाकार के रूप में खुद को साबित करना है। इस फिल्म की तैयारी, मेरे लिए भावनात्मक रूप से दर्दनाक थी। मीडिया और लोगों को मेरा किरदार पसंद आए, इसलिए मैंने सच में कड़ी मेहनत की। यह बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि मैं उनकी (दया बाई) तरह नहीं हूं। मैं उनकी तरह शारीरिक हाव-भाव, चलने का ढंग और बातचीत करने की कोशिश कर रही थी।”

bidita bagदया बाई केरल की एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो मध्य भारत के आदिवासियों के लिए काम करती हैं। वह इस समय मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में रहती हैं और गोंड़ जनजाति की बेहतरी के लिए काम कर रही हैं। इससे पहले वह नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी थीं। उनके जीवन पर आधारित बायोपिक का निर्देशन श्री वरुण कर रहे हैं, जो इस साल अप्रैल में रिलीज हो सकती है।