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Munawar Faruqui का इलाका डोंगरी हिंदुस्तान के दिल पर लगा चुका है ”काला धब्बा”, इस जगह की ”काली सच्चाई” नहीं जानते होंगे आप

नई दिल्ली। पिछले चार महीनों से लगातार चले आ रहे शो बिग बॉस 17 (Bigg Boss 17) का बीती रात ग्रैंड फिनाले था। मुनव्वर फारुखी (Munawar Faruqui) बिग बॉस 17 के विनर बनें। वहीं अभिषेक कुमार (Abhishek Kumar) ने फर्स्ट रनर अप की पोजीशन हासिल की। मुनव्वर के शो जीतते ही उनके फैंस के बीच ख़ुशी की लहर दौर गई। इस बीच मुनव्वर फारुखी (Munawar Faruqui) को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के ट्रेंड्स वायरल हो रहे हैं। इन ट्रेंड्स में एक ट्रेंड जो सबसे ज्यादा वायरल हो रही है वो है ”ट्रॉफी तो डोंगरी ही आई” पहले भी डोंगरी (Dongri) का नाम कई बार सामने आ चुका है। जब मुनव्वर बिग बॉस के घर में थे, तब ये ट्रेंड वायरल हो रही थी कि ”ट्रॉफी तो डोंगरी ही आएगी” जाहिर सी बात है कॉमेडियन मुनव्वर फारुखी (Munawar Faruqui) मुंबई के ”डोंगरी (Dongri)” इलाके के रहने वाले हैं, ऐसे में मुनव्वर फारुखी (Munawar Faruqui) के साथ-साथ ”डोंगरी” भी इन दिनों काफी लाइमलाइट बटोर रही है।

भले आज आप ”डोंगरी” को स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुखी (Munawar Faruqui) की वजह से जानते हो लेकिन हम आपको बता दें कि मुंबई के इस डोंगरी इलाके का एक भयानक इतिहास रहा है। 90 के दशक में ये इलाका मुंबई के खौफनाक इलाकों में से एक रहा है। इस जगह की काली सच्चाई जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे, तो आइए बताते है ”डोंगरी” की भयानक सच्चाई के बारे में।

साल 2012 में हुसैन जैदी की एक किताब आई थी ”डोंगरी टू दुबई”, इस किताब में उन्होंने डोंगरी की काली सच्चाई को बखूबी बयान किया था। बता दें कि डोंगरी (Dongri) भारत के मुंबई का वो इलाका है जहां से गुजरने में एक ज़माने में लोगों के पैर कांप जाते थे। डोंगरी 6 दशकों तक भारत में अंडरवर्ल्ड के कंट्रोल रूम के रूप में जाना जाता रहा है। हाजी मस्तान , करीम लाला , छोटा राजन , अबू सलेम और मुख्य रूप से दाऊद इब्राहिम जैसे भारत के कुख्यात गैंगस्टर इसी इलाके में पनपे और फिर उन्होंने मुंबई समेत पूरे देश को अपना निशाना बनाया।

मुख्य रूप से डोंगरी (Dongri)  दाऊद इब्राहिम को लेकर जाना जाता रहा है। आपको बता दें कि 1993 के मुंबई हमलों के मास्टरमइंड दाऊद इब्राहिम ने उस दहला देने वाले निर्मम हमले की साजिश भी मुंबई के इसी डोंगरी में बैठ कर रची थी। यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि भले आज मुनव्वर फारुखी (Munawar Faruqui) की वजह से डोंगरी एक बार फिर चर्चा में आ गया हो लेकिन ये जगह एक ज़माने में जिस तरह हिंदुस्तान के दिल पर काला धब्बा बनकर उभरा था उसके दाग आज भी मिटे नहीं है।

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