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The Kerala Story: JNU  में हुई ‘द केरला स्टोरी’ की स्क्रीनिंग, SFI ने किया विरोध, धर्मनिरपेक्षता का अलापा राग

नई दिल्ली। शायद अब भारत में फिल्मों के विरोध का चलन शुरू हो चुका है। कभी ‘पठान’ तो कभी ‘द कश्मीर फाइल्स’ तो कभी तो कभी कुछ। पिछले कुछ दिनों से एक ऐसी ही फिल्म सुर्खियों में है, जिसका एक वर्ग समर्थन कर रहा है, तो एक विरोध। फिल्म का नाम है ‘द केरला स्टोरी’। अब आपके जेहन में यह सवाल आ सकता है कि आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या दिखाया गया है, जिसे लेकर विरोध की बयार बह रही है। इसके बारे में हम आपको आगे सबकुछ बताएंगे, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि आज जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग की तो वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई ने विरोध किया। एसएफआई ने कहा कि यह फिल्म देश के धर्मनिरपेक्षता के ताने बाने के लिए खतरा है, इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है। एसएफआई ने फिल्म का विरोध किया है और इसे आरएसएस का प्रोपेगेंडा बताया है। अब आपके जेहन में सवाल यह उठ रहा होगा कि आखिर द केरला स्टोरी में ऐसा क्या है?, जिसका विरोध किया जा रहा है।

क्यों किया जा रहा फिल्म का विरोध

दरअसल, इस फिल्म में केरल की उन लड़कियों की कहानी बयां की गई हैं, जिन्हें कुछ जेहादी तत्व के युवक अपने प्रेम जाल में फंसाते हैं और उनसे इस्लाम कबूल करवाते हैं। इसके बाद उन्हें आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने सीरिया और ईराक जैसे देशों में भेज देते हैं। बता दें कि यह फिल्म आगामी 5  मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है, जिसे देखने के लिए दर्शकों में उत्साह है, लेकिन एक वर्ग लगातार इस फिल्म का विरोध कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

सनद रहे कि गत दिनों इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए याचिका भी दाखिल की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर याचिका खारिज कर दी कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट कैसे आ गए। आपको पहले कायदे से हाईकोर्ट जाना चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रूख करना चाहिए था। ध्यान रहे कि इस फिल्म में लव जिहाद का शिकार हुई कई युवतियों की दर्दनाक कहानी को बयां की गई है। जिसे देखकर किसी की भी दिल पसीज जाएगा।

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