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दिल्ली हिंसा : हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या मामले में 2 आरोपी घोषित अपराधी करार

Delhi Riots petrol

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में हुई हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के हेड कांस्टेबल रतन लाल (Head Constable Rattan Lal) की गोली मारकर हत्या करने के मामले में नामजद दो आरोपियों को शहर की एक अदालत ने ‘घोषित अपराधी’ करार दिया है और यह भी माना कि वे जानबूझकर मुकदमे की कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं। सुलेमान उर्फ सलमान सिद्दीकी और रवीश को घोषित अपराधी करार देते हुए चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) पुष्पम पाठक ने कहा, “मेरा मानना है कि दोनों आरोपी सीआरपीसी की धारा 82 के तहत प्रक्रिया के बावजूद जानबूझकर अदालत में पेश होने से बच रहे हैं।”

अदालत ने मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट का भी संज्ञान लिया है। अदालत ने कहा, “आरोपियों द्वारा किए गए अपराधों का संज्ञान लेने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत है।”

अदालत ने उल्लेख किया कि हालांकि आईपीसी की धारा 153-ए के तहत अपराध का संज्ञान लेने के लिए इच्छुक था, सीआरपीसी की धारा 196 के तहत प्रदान की गई पिछली मंजूरी अनिवार्य थी, लेकिन अभियोजन एजेंसी द्वारा दायर नहीं की गई थी। जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि 13 जुलाई को एक पत्र सक्षम अधिकारी को भेजा गया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि मंजूरी के लिए कितना समय लगेगा।

कोर्ट ने कहा, “इस परिदृश्य में, जब मंजूरी प्राप्त करने के लिए कोई समय सीमा नहीं है और कार्यवाही में किसी भी तरह की देरी अनावश्यक रूप से उस उद्देश्य को विफल करेगी, जिसके लिए दंगा मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का निर्माण किया गया है। मैं सभी अपराधों का संज्ञान लेने को लेकर इसे उपयुक्त माता हूं, जैसा कि चर्चा हुई है।”

सीएमएम ने सभी आरोपियों के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया और तिहाड़ सेंट्रल जेल के अधिकारियों को 10 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि हेड कांस्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को एक भीड़ ने हमला कर हत्या कर दी थी।

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