News Room Post

5 Bangladeshi Infiltrators Arrested In Delhi: दिल्ली में 5 और बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार, एफआरआरओ के जरिए डिपोर्ट किया जाएगा

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले बांग्लादेश के नागरिकों की पहचान और धरपकड़ जारी है। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने राजधानी के उत्तम नगर मेट्रो स्टेशन के पास 5 और बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार बांग्लादेशियों से पूछताछ की गई। अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के मोबाइल फोन की दिल्ली पुलिस ने जांच की। इसमें पाया गया कि सभी के पास बांग्लादेश की नागरिकता है। दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार 5 बांग्लादेशी नागरिकों को फॉरेन रेसिडेंट रजिट्रेशन ऑफिस यानी एफआरआरओ के हवाले किया। इसके बाद इनके घुसपैठ संबंधी कागजात बनाकर दिल्ली के इंद्रलोक स्थित हिरासत केंद्र भेजा गया है।

दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों बताया था कि अब तक राजधानी में गिरफ्तार किए गए 12 बांग्लादेशी घुसपैठियों को उनके देश वापस भिजवा दिया गया है। जिन 5 लोगों को शनिवार को पकड़ा गया, उनको भी अब एफआरआरओ बांग्लादेश भिजवाएगा। दिल्ली पुलिस को राजधानी में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने का आदेश लेफ्टिनेंट गवर्नर ने दिया था। इस आदेश के बाद दिल्ली पुलिस अलग-अलग बस्तियों में जा रही है और वहां रहने वाले अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कर रही है। बीते दिनों खबर आई थी कि दिल्ली पुलिस की पड़ताल में 9000 संदिग्धों का पता चला है। इन सभी के दस्तावेज दिल्ली पुलिस जांच रही है। दिल्ली के हर जिले में पुलिस का एक विशेष सेल भी है। जो विदेशी घुसपैठियों को पकड़ने का काम करता है।

बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ करने वाले लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र में भी कार्रवाई हो रही है। वहां भी तमाम बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए हैं। जिनको वापस बांग्लादेश भेजा जाएगा। दरअसल, भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर कई जगह बाड़ नहीं है। इस वजह से घुसपैठ होती है। खासकर बंगाल और त्रिपुरा के इलाकों से बांग्लादेश के नागरिक भारत पहुंच जाते हैं। बांग्लादेशी नागरिकों के अलावा भारत में म्यांमार के रोहिंग्या घुसपैठियों की भी संख्या हजारों में है। जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में रोहिंग्या घुसपैठियों को पकड़कर डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्या के बारे में अभी सुनवाई चल रही है। इस वजह से रोहिंग्या का प्रत्यर्पण नहीं हो पा रहा है।

Exit mobile version