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Monsoon Session: रेलमंत्री ने बताया कोरोना काल में इस वजह से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 97 लोगों की गई जान

COVID-19 Lockdown : लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य तक पहुंचाने के लिए चलाये जा रहे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special Trains) में 97 लोगों की मौत हुई थी। इसकी जानकारी केंद्रीय रेलमत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने शनिवार को राज्यसभा में दी है।

नई दिल्ली। लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य तक पहुंचाने के लिए चलाये जा रहे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special Trains) में 97 लोगों की मौत हुई थी। इसकी जानकारी केंद्रीय रेलमत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने शनिवार को राज्यसभा में दी है। रेलमंत्री ने बताया कि एक मई से नौ सितंबर के बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा के दौरान 97 लोगों की मौत हो गई। कुछ दिनों पहले ही सरकार की ओर से कहा गया था कि प्रवासी मजदूरों की मौत का कोई आंकड़ा नहीं है। मंत्री ने कहा कि रेलवे ने प्रवासियों से कोई किराया नहीं लिया है। राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था। रेल मंत्री ने बताया कि कुल 63 लाख 19 हजार लोगों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया।

पीयूष गोयल ने कहा, राज्य सरकारों या उनके प्रतिनिधियों द्वारा किराया के भुगतान पर श्रमिक स्पेशल बुक की गई थी। उनके पास से 31 अगस्त तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के लिए 433 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया। इन ट्रेनों में 63.19 लाख श्रमिक (फंसे हुए) यात्रियों ने सफर किया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन की ओर से राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में रेलमंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी। गोयल ने कहा, राज्य पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर कोविड-19 संकट के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करते हुए नौ सितंबर तक 97 लोगों की मौत की सूचना है।

उन्होंने कहा कि पुलिस अप्राकृतिक मौतों के मामलों में सीआरपीसी की धारा 174 के तहत एफआईआर दर्ज करती है और कानूनी प्रक्रिया का पालन करती है। गोयल ने कहा, इन 97 मौतों में से राज्य पुलिस ने 87 शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। संबंधित राज्यों पुलिस से अब तक 51 पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट हासिल हुई हैं। इनमें मौतों की वजह कार्डिएक अरेस्ट, दिल की बीमारी, ब्रेन हेमरेज, लंग और लीवर डिजीज है।

रेलवे ने फंसे हुए प्रवासी कामगारों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू कीं थी, जिसके बाद लाखों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। रेलवे ने राष्ट्रव्यापी बंद के कारण 25 मार्च को यात्री, मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया था। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू करने के बाद, रेलवे ने 12 मई से 15 जोड़ी स्पेशल वातानुकूलित ट्रेनों का संचालन शुरू किया और एक जून से 100 जोड़ी टाइम-टेबिल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया। 12 सितंबर से रेलवे ने 40 से अधिक जोड़ी ट्रेन सेवा को भी शुरू किया।

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