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Eric Garcetti: ‘एक लड़का जो चाय बेचता था’..अमेरिकी राजदूत ने भारत का गुणगान करते हुए PM मोदी के बारे में कही ये बात

नई दिल्ली। एक कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए भारत में नव नियुक्त संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारतीय सपनों और अमेरिकी सपनों की साझा प्रकृति में अपना गहरा विश्वास व्यक्त किया। दोनों देशों के बीच समानताएं दर्शाते हुए, गार्सेटी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों ने एक साधारण शुरुआत को असाधारण उपलब्धियों में बदलने वाले व्यक्तियों की अविश्वसनीय कहानियां देखी हैं। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि एक लड़का जो चाय बेचता था वो देश का प्रधानमंत्री बना और आज वो भारत का वैश्विक मंच पर नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी की ये जीवन यात्रा कड़ी मेहनत, लगन, समर्पण का प्रतीक है।

इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में भी बात की, उन्होंने कहा कि इस देश ने एक संथाली शिक्षक की असाधारण उपलब्धियों को भी स्वीकार किया, जो सभी बाधाओं के बावजूद भारत की राष्ट्रपति बन सकी है। गॉर्सेटी ने कहा, यह प्रेरक कहानी शिक्षा की शक्ति और बाधाओं को तोड़ने और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के व्यक्तियों के उत्थान की क्षमता का प्रतीक है। इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

उन्होंने व्यापार, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। गार्सेटी का मानना है कि एक साथ काम करके, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका अपने नागरिकों के लिए अनंत संभावनाओं को खोल सकते हैं और वैश्विक प्रगति में योगदान दे सकते हैं। भारत में गार्सेटी को भेजने के लिए अमेरिका और भारत दोनों ही बेहद उत्साहित थे क्योंकि गार्सेटी का दृष्टिकोण भारत के लोगों से मेल खाता है, जो इसे गहरे सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और आपसी समझ के अवसर के रूप में देखते हैं।

अब समय आ गया है कि..

राजदूत एरिक गार्सेटी ने अमेरिका-भारत संबंधों पर कहा, “भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अमेरिका के साथ अधिक सैन्य अभ्यास करता है… अब समय आ गया है कि हम अपने दृष्टिकोण को फिर से आकार दें, इसे रीसेट करें और फिर इसे बनाएं” वास्तविक तौर पर जब हम शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करते हैं तो अमेरिका और भारत बेहतर होते हैं…”

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