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Hathras incident: राजनीति क्या ना करवाए? 29 सितंबर को हुए कोरोना पॉजिटिव मगर 4 अक्टूबर को ये आप विधायक कहां पाए गए देखिए

Kuldeep Kumar AAP MLA on the way of Hathras1

नई दिल्ली। एक तरफ हाथरस में हुई घटना के बाद सियासी दल इस पूरे मामले पर बवाल मचा रहे हैं वहीं इस घटना को लेकर सरकार और प्रशासन लगातर इस मामले को सुलझाने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रयास कर रही है। इस मामले में कल प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी गई थी। लेकिन राजनीति है कि थमने का नाम नहीं ले रही आज हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने आम आदमी पार्टी के नेता पहुंचे। इसके पहले कि वह वहां तक पहुंचते पहले तो गांव के बाहर लगाए गए बैरिकेड पर उन्होंने जमकर बवाल काटा और फिर आप के कुछ नेता संजय सिंह के साथ मिलकर पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंच गए। यहां तक तो ठीक था लेकिन राजनीति के चक्कर में आप नेतां ने किस तरह से पीड़ित परिवार की जिंदगी को खतरे में डाला यह सुन लेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे। एक तरफ कोरोना का कहर पूरे देश में जारी है। लंबे समय से बंद देश अभ धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। हालात सामान्य करने की सरकार की कोशिश है। लेकिन हर एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। लेकिन अगर दिल्ली में सरकार चला रही पार्टी के विधायक ही इस प्रोटोकॉल को भूल जाएं तो क्या ये क्षम्य अपराध है।

दरअसल हुआ ये कि दिल्ली की कोंडली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने जो किया वह कोई सोच भी नहीं सकता है। उनके दो ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिसमें उन्होंने खुद बताया है कि वो कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। इसके बाद उनका दूसरा ट्वीट है जिसमें वो हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से मिलने पहुंचे हैं।


इन दोनों ट्वीट को गौर से देखें तो समझ में आएगी कि विधायक ने जानबूझकर केवल पार्टी की राजनीति को चमकाने के चक्कर में कितनी बड़ी लापरवाही की और पीड़ित परिवार की जिंदगी को जोखिम में डाल दिया है। उनका पहला ट्वीट 29 अक्टूबर की दोपहर दो बजकर 29 मिनट का है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि उनको हल्का बुखार हुआ जिसके बाद उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया। टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने लिखा कि वो घर पर ही आइसोलेट रहेंगे।

इसके बाद दूसरा ट्वीट उनका 4 अक्टूबर का है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि वो हाथरस गैंगरेप पीड़िता के गांव उनके परिजनों से मिलने गए हैं। अब बड़ा सवाल ये है कि जब विधायक कोरोना से संक्रमित थे तो फिर वो परिजनों से मिलने क्यों पहुंचे। क्योंकि पॉजिटिव आने के बाद 15 दिन तक क्वारंटीन होना होता है। उसके बाद टेस्ट कराना होता है अगर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव है तभी आप बाहर निकल सकते हैं।

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