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Uttar Pradesh: यूपी में सियासी जमीन तलाश रहे आप नेता संजय सिंह को यूपी वालों ने दिखाया आईना, सवालों से परेशान हुए सांसद

sanjay singh

लखनऊ। दिल्ली में अपनी जमीन तलाश लेने के बाद अब आम आदमी पार्टी ने यूपी में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने के उद्देश्य से वहां 2022 में होनेवाले विधानसभा चुनाव में लड़ने का ऐलान कर दिया है। अब यूपी में अपनी सियासी जमीन तलाश रहे आप के नेता संजय सिंह लंबे समय से यहां सक्रिय हैं और प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। लेकिन आज एक प्रेस वार्ता के दौरान जो हुआ उसकी वजह से संजय सिंह को झेंप जाना पड़ा। दरअसल संजय सिंह पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे और इसी दौरान कोरोना को लेकर दिल्ली सरकार के सवालों पर वह फंस गए और जवाब देने से बचते नजर आए। इसके बाद जल्दीबाजी में किसी तरह उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को खत्म किया और वहां से चलते बने।

दरएसल प्रेस कांफ्रेंस की राजनीति करने पहुंचे आप सांसद संजय सिंह का दांव उलटा पड़ गया। दूसरों पर आरोप लगा सियासत चमकाने की कोशिश कर रहे संजय सिंह से पत्रकारों ने दिल्ली में यूपी वालों के अपमान और बेकाबू कोरोना पर सवाल दाग दिए। पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के बजाय आप सांसद प्रेस कांफ्रेंस में इन सवालों का जवाब देने से बचते नजर आए। ऑक्सीमीटर की खरीद में घोटाले के सवाल को भी वह टाल गए। वहीं दिल्ली में कोरोना से हालात बेकाबू होने के सवाल का भी तर्कपूर्ण जवाब संजय सिंह नहीं दे पाए।

कोविड प्रबंधन में डब्यूएचओ समेत दुनिया भर में प्रशंसा पा रही योगी सरकार पर सवाल उठाने पहुंचे संजय सिंह दिल्ली में कोविड के नाम पर उपकरणों की खरीद में हुए घालमेल पर सबूतों के साथ हुए सवाल पर तिलमिला उठे। यूपी में राजनीति करने का सपना देख रहे संजय सिंह से पत्रकारों ने कोरोना के कठिन दौर में यूपी बिहार के लोगों को दिल्ली से जबरन बाहर किए जाने पर सवाल पूछा लेकिन सीधा जवाब देने के बजाय संजय सिंह मामले को टाल गए। पत्रकारों ने दिल्ली में यूपी के लोगों के इलाज पर सीएम केजरीवाल द्वारा एतराज जताए जाने का मुद्दा भी उठाया। लेकिन संजय सिंह संतोषजनक जवाब देने के बजाय दूसरी बातों में लगे रहे।

कोरोना के दौरान यूपी में महंगे उपकरण खरीदने का आरोप लगा रहे आप सांसद के सामने ही पत्रकारों ने दिल्ली में यूपी से कहीं ज्यादा महंगी दर पर ऑक्सीमीटर समेत अन्य उपकरण खरीदे जाने पर सवाल पूछा। संजय सिंह ने इसे नकारते हुए पत्रकारों को खरीद के दस्तावेज देने की चुनौती दी। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही पत्रकारों ने दिल्ली सरकार के दस्तावेज संजय सिंह के सामने रखते हुए 66302 रुपये में एक ऑक्सीमीटर खरीदे जाने का सबूत पेश कर दिया तो संजय सिंह भड़क उठे।


आप सांसद संजय सिंह से पूछा गया कि भ्रष्टाचार मिटाने का दावा करने वाली दिल्ली सरकार खुद ही भ्रष्टाचार में लिप्त है। कोरोना संक्रमण के दौरान मंहगे दामों पर ऑक्सीमीटर व पीपीई किट की खरीददारी की गई। सरकार ने न तो इसकी जांच कराई और न ही किसी पर कार्रवाई की गई। इससे साफ है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जानकारी में इस पूरे भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। यूपी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले संजय सिंह की बोलती बंद हो गई। पत्रकारों के कई बार पूछने के बाद भी उन्होंने अरविंद केजरीवाल का बचाव करते हुए जवाब देना उचित नहीं समझा। बिहार व यूपी के लोगों के कोरोना इलाज को लेकर अरविंद के‍जरीवाल द्वारा दिए गए अपमानजनक बयान के सवाल का भी संजय सिंह जवाब नहीं दे सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान आप सांसद संजय सिंह से पूछा गया कि वह आवासीय जगह पर अपना कार्यालय बनाकर कार्मिशियल इस्तेमाल कर रहे हैं। एलडीए जब कार्रवाई करेगा तो आप सरकार पर इल्जाम लगाएंगे। क्या यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में नहीं आता है। यूपी में चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी युवाओं को रोजगार व बिजली पानी निशुल्क देने के दावे तो कर रही है लेकिन उनके पास कोई रोडमैप तक नहीं है।

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