नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा लोकतांत्रिक आवाज़ों को दबाने के कुत्सित प्रयासों के खिलाफ़ दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने एक स्वर में पत्रकार अर्णब गोस्वामी के साथ हुई पुलिसिया ज्यादती की कड़ी निंदा की है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व राज्य सरकार में शामिल अन्य दलों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अपना विरोध प्रकट किया। मीडिया के खिलाफ हो रहे लगातार हमलों के खिलाफ छात्रों ने अपनी आवाज़ बुलन्द की। इस प्रदर्शन में लगभग सौ से अधिक छात्र शामिल रहे। ज्ञात हो कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में बुधवार शाम छात्रों ने दिल्ली विश्वविद्यालय व जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में महाराष्ट्र सरकार का पुतला दहन किया था।
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा,” महाराष्ट्र में लोकतांत्रिक मूल्यों को वर्तमान राज्य सरकार ने ताक पर रख दिया है। बीते कुछ महीनों में विभिन्न विषयों पर आम जनों द्वारा सोशल मीडिया पर जो समस्याएं रखते हुए सरकार की आलोचना की गई थी, उन पर व्यक्तिगत खुन्नस खाकर महाराष्ट्र में कई मुकदमे दर्ज कराने के मामले सामने आए हैं। यह महाराष्ट्र सरकार की बढ़ती असहिष्णुता को दिखाता है। अर्णब गोस्वामी मामले में जिस प्रकार से पुलिसिया दमन का उपयोग उद्धव ठाकरे सरकार पत्रकारों को धमकाने के लिए कर रही है, वह अनुचित है। ”
अभाविप के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा ” यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र सरकार असहमति की आवाज़ को कुचलने का प्रयास कर रही है तथा असहमति के अपराधीकरण पर उतारू है, लोकतंत्र के भीतर ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण गतिविधियां तुरंत बंद होनी चाहिए। महाराष्ट्र सरकार लगातार सोशल मीडिया पोस्ट व अन्य माध्यमों से सरकार को आईना दिखाने वाली लोकतांत्रिक प्रतिक्रियाओं को दबाने का प्रयास कर रही है तथा महाराष्ट्र में लगातार ऐसी आवाजों के खिलाफ केस दर्ज किए जा रहे है, शिवसेना , एनसीपी तथा कांग्रेस की खिचड़ी सरकार की यह दादागीरी तुरंत बंद होनी चाहिए।”
प्रदर्शन में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष अक्षित दहिया, उपाध्यक्ष प्रदीप तंवर तथा सह-सचिव शिवांगी खरवाल आदि उपस्थित रहे।