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Funding Of PFI: कट्टरपंथी पीएफआई को यूएई से मिल रही थी फंडिंग, सूत्रों के मुताबिक हिंसा के लिए खरीदे जा रहे थे हथियार

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नई दिल्ली। प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को खाड़ी के देश यूएई से जबरदस्त फंडिंग की जा रही थी। ये खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में हुआ है। सूत्रों के मुताबिक एनआईए ने इस मामले में केरल और कर्नाटक से पीएफआई के 5 कारकूनों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के मुताबिक पीएफआई का पूरा नेटवर्क बिहार और इन्हीं दोनों राज्यों से काम कर रहा था। बिहार के फुलवारी शरीफ मामले में एनआईए की जांच से पीएफआई को यूएई से फंडिंग के खेल का खुलासा हुआ है। फुलवारी शरीफ से जुलाई में पीएफआई के दो कारकूनों को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इनके पास से चौंकाने वाला एक दस्तावेज मिला था।

पीएफआई के 8 पेज के इस दस्तावेज में बताया गया था कि कट्टरपंथी संगठन किस तरह साल 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की तैयारी कर रहा था। ये भी दस्तावेज से पता चला था कि पीएफआई इसके लिए अपने कैडर को हथियारों की ट्रेनिंग भी दे रहा था। नामचीन लोगों की हत्या कर समाज में डर फैलाने के लिए पीएफआई ने हिट स्क्वॉड भी बनाया था। जानकारी के मुताबिक पीएफआई को यूएई से फंडिंग के मामले का खुलासा कर्नाटक से अब्दुल रफीक, मोहम्मद सिनान, इकबाल और सरफराज नवाज और केरल से आबिद केएम को गिरफ्तार करने के बाद हुआ है।

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक इकबाल ने साथियों के साथ दुबई और अबुधाबी में चंदे की उगाही की। इस रकम को सरफराज, सिनान और रफीक के खातों में डाला गया। फिर उसे बांटा गया। इस रकम से पीएफआई के लोग हथियार और गोला-बारूद खरीदने का काम करते थे। एनआईए ने पूरी मनी ट्रेल को उजागर किया है। इससे पीएफआई पर शिकंजा और कस गया है। बता दें कि फुलवारी शरीफ के खुलासे के बाद सितंबर और अक्टूबर 2022 में एनआईए ने पीएफआई के नेताओं और कैडर के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ा था। अब तक इस मामले में दर्जनों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

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