नई दिल्ली। क्या किसी अवैध कब्जा को हटाने के लिए 2 लोगों को जिंदा आग के हवाले कर देना सही है?…क्या अवैध कब्जा को हटाने के लिए लोगों को जलाने का तरीका सही है?…ये सवाल हम आपसे इसलिए कर रहे हैं क्योंकि कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से सामने आया है। यहां कानपुर देहात प्रशासन पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने एक परिवार द्वारा किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए उनकी झोपड़ी में आग लगवा दी। इस घटना में झोपड़ी के अंदर मौजूद महीला और उसकी बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई है। इस घटना के सामने आने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। मामले में जहां एक ओर रूरा थाने में 11 नामजद लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास करने को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है। तो वहीं, एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद पर निलंबित की तलवार लटक रही है।
बता दें, ताजा घटना कानपुर देहात स्थित मड़ौली गांव की है। यहां कानपुर देहात प्रशासन पर आरोप लगा है कि उन्होंने अवैध भूमि पर कब्जा कर रह रहे परिवार की झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में महिला समेत उसकी बेटी की मौत के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। घटना सोमवार दोपहर करीब 3.30 बजे की बताई जा रही है।
इस मामले में मृतकों के परिजनों का कहना है कि लेखपाल और एसडीएम के साथ आई टीम ने पूरी घटना को अंजाम दिया है। पीड़ित परिवार ने मुआवजे में पांच करोड़ रुपए की मांग करने के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दोषियों पर सख्त एक्शन की मांग की है।
बता दें घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। बताया जा रहा है कि वीडियो झोपड़ी में आग लगने से पहले का है। खैर न्यूजरूम पोस्ट इस वीडियो को लेकर किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। अब देखना होगा मामले में क्या अपडेट सामने आता है।