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PFI Activist Arrested: एटीएस ने मुनीर आलम को किया गिरफ्तार, पश्चिमी यूपी में प्रतिबंधित पीएफआई की जड़ें फैला रहा था

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लखनऊ। यूपी में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सदस्य मुनीर आलम गिरफ्तार हुआ है। यूपी पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने मुनीर को गिरफ्तार किया। मुनीर आलम की गिरफ्तारी को एटीएस बड़ी सफलता बता रही है। एटीएस के डिप्टी एसपी सुशील कुमार के मुताबिक मुनीर आलम को 3 जुलाई को यूपी के मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से मोबाइल, आधार कार्ड, विजिटिंग कार्ड, डेबिट कार्ड और नकदी मिली। एटीएस का दावा है कि मुनीर आलम पीएफआई का सक्रिय सदस्य है। मुनीर को पीएफआई ने पश्चिमी यूपी में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी थी।

मुनीर को पहले गिरफ्तार किए गए मौलाना शादाब अजीज कासमी, मौलाना साजिद, मौलाना इस्लाम कासमी और मुफ्ती शहजाद से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद गिरफ्तार किया गया है। एटीएस का दावा है कि इन सभी पीएफआई सदस्यों ने पूछताछ में मुनीर का नाम लिया था। इसके बाद उसे फरार होने की कोशिश करते वक्त मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से एटीएस ने पकड़ा। एटीएस का दावा है कि मुनीर आलम पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बाद हिडेन अजेंडा के तहत संगठन की जड़ें फैला रहा था। वो पीएफाई की एडहॉक कमेटी का भी मेंबर है। मुनीर ने पूछताछ में बताया है कि मौलाना शादाब उसके गांव दधेड़ू कलां आया-जाया करता था। वो शादाब के जरिए ही 2015 में पीएफआई से जुड़ा। कई बार मुनीर दिल्ली के शाहीन बाग स्थित पीएफआई के दफ्तर भी गया। साल 2017 में उसे यूपी की एडहॉक कमेटी का मेंबर बनाया गया था।

मुनीर ने पूछताछ में बताया कि उसे पीएफआई की तरफ से पैसा भी दिया जाता था। ताकि वो इसका इस्तेमाल कर पीएफआई का प्रचार और प्रसार कर सके। यूपी एटीएस ने मुनीर आलम को बुधवार को लखनऊ के स्पेशल कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे 10 दिन के एटीएस रिमांड पर दिया गया। माना जा रहा है कि केंद्रीय एजेंसियां भी मुनीर से इस रिमांड के दौरान पूछताछ कर सकती हैं।

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