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Hathras Case: प्रशासन सतर्क, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलने वालों पर कार्रवाई, दंगा भड़काने की थी साजिश- बोले एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

Prashant Kumar, ADP (Law & Order), Uttar Police

नई दिल्ली। एक तरफ हाथरस में हुई घटना के बाद सियासी दल इस पूरे मामले पर बवाल मचा रहे हैं वहीं इस घटना को लेकर सरकार और प्रशासन लगातर इस मामले को सुलझाने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रयास कर रही है। इस मामले में कल प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी गई थी। उसी को लेकर इस पूरे मामले में क्या स्थिति बनी हुई है इस पर यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने सामने आकर अपना पक्ष रखा। प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस में पीड़ित परिवार की शिकायत पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसके साथ ही इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति भी कर दी गई है।

प्रशांत कुमार ने आगे बताया कि हाथरस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक अफवाह फैलाई जा रही है ऐसे में ऐसा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में कुल 6 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

इसके साथ ही इस मामले पर बोलते हुए प्रशांत कुमार ने आगे कहा कि जातीय सद्भाव बिगाड़ने और प्रदेश का माहौल खराब करने और कोविड-19 कि गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए पीड़ित के गांव के आस पास तथ्यहीन, झूठी बातें फैलाने का काम किया गया। ऐसे में सोशल मीडिया पर की गई ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट के लिए और सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हाथरस के चंदपा थाना में एक मुकदमा दर्ज किया गया है जहां कुछ अराजक तत्वों ने पीड़ित परिवार को भड़काने, उन्हें 50 लाख रुपये देने का प्रलोभन दिया और प्रदेश की शांति बिगाड़ने के कोशिश की उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

इसके साथ ही प्रदेश में केवल हाथरस ही नहीं सोशल मीडिया में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने और भड़काऊ पोस्ट करने के मामलें में अयोध्या, लखनऊ समेत कई ज़िलों में कुल 13 FIR दर्ज की गई है। इसके साथ ही प्रशांत कुमार ने आगे बताया कि हाथरस में पीडिता के भाई बयान के आधार पर अभियोग पंजीकृत किया गया आरोपी जेल भेजे गए हैं। इसके बाद इस पूरे मामले पर SIT जांच के आदेश हुए अब सीबीआई जांच की भी अनुशंसा की गई है ताकि सच सामने आ सके।

इसके साथ ही प्रशात कुमार ने कहा कि प्रदेश में जातीय सम्प्रदायिक हिंसा फैलाने और सरकार की छवि खराब करने का काम किया गया। वेबसाइट का इस्तेमाल करके पीड़ित परिवार के घर गांव के पास अनावश्यक भीड़ इकट्ठी की गई। इसके साथ ही झूठ से उन्माद फैलाने का काम भी किया जा रहा है। प्रशांत कुमार ने आगे कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए 5 लोगों को ही राजनैतिक दलों से जाने की अनुमति ही दिया गया था।

इससे आगे बोलते हुए प्रशातं कुमार ने कहा कि दोषियों के ऊपर कठोर करवाई करने के लिए यूपी पुलिस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। खासकर महिला सम्बन्धी अपराधों में सजा दिलाने में अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी आगे रहा है जिसकी वजह से प्रदेश में महिलाओं के साथ अपराधों में कमी आई है। इसके साथ ही एडीजी ने कहा कि हाथरस मामले में जो मुख्य अभियोग हैं वो सब स्थानीय हैं और उनकी संख्या 6 है।

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