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Pilot Vs Gehlot: कर्नाटक का मसला हल करने के बाद राजस्थान का रुख करेगा कांग्रेस आलाकमान, पायलट-गहलोत की जंग रोकने की होगी कोशिश

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नई दिल्ली। कर्नाटक में सीएम पद का निपटारा करने के बाद कांग्रेस आलाकमान राजस्थान का रुख करने वाला है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अब राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और उनको चुनौती दे रहे सचिन पायलट के बीच टकराव को हर हाल में खत्म करना चाहते हैं। गहलोत और पायलट का ये टकराव साल 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही शुरू हो गया था। नाराज पायलट तो अपने 19 विधायकों समेत 2020 में हरियाणा के मानेसर में आकर कोपभवन बनाकर बैठ गए थे। अब एक बार फिर सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के खिलाफ तगड़ा मोर्चा खोल दिया है।

सचिन पायलट ने गहलोत सरकार के सामने पेपर लीक और अन्य 2 मसलों पर मांगें रखी हैं। इन मांगों को पूरा करने के लिए सचिन पायलट ने गहलोत को 31 मई तक का वक्त दिया है। सचिन ने कहा है कि अगर गहलोत ने मांगें न मानीं, तो वो प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। इससे पहले वसुंधरा राजे सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगाकर पायलट ने एक दिन का अनशन भी किया था। पायलट की लगातार बढ़ती तल्खी राजस्थान में कांग्रेस को दो फाड़ में बांट भी चुकी है।

राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान हर हाल में गहलोत बनाम पायलट की जंग को खत्म कराना चाहता है। 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उनकी गहलोत से जंग सीएम पद को लेकर है। वहीं, गहलोत के समर्थक विधायकों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में सबकी नजर इस पर है कि कांग्रेस आलाकमान क्या रवैया अपनाता है।

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