रुद्रप्रयाग। रक्षा बंधन के पर्व पर उत्तराखंड स्थित चार धामों में शामिल बाबा केदारनाथ के कपाट भी विधि-विधान से पूजा के बाद बंद कर दिए गए हैं। अब अगले 6 महीने तक उनकी पूजा उखीमठ में होगी। कपाट बंद होने से पहले बाबा केदारनाथ के धाम को नए सिरे से सजाया गया है। इस सजावट में सोना लगाया गया है। केदारनाथ मंदिर के भीतर पहले चांदी लगी थी। अब उसकी जगह सोना लगाया गया है। सोना लगाने का काम कपाट बंद होने से एक दिन पहले यानी बुधवार को खत्म हुआ। 19 कारीगरों ने सोने की चादरें लगाने का काम किया है। मंदिर के भीतर, खंभों पर, जलहरि में सोना लगाया गया है। इससे केदारनाथ धाम की शोभा कई गुना बढ़ गई है।
सोने की चादरें लगाए जाने के काम की निगरानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI के अफसरों ने की। इस दौरान पूजा-पाठ सामान्य तौर पर चलता रहा। जानकारी के मुताबिक सोने की 550 चादरों को टट्टुओं पर लादकर लाया गया। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के किसी भक्त ने सोने की चादरें बाबा केदारनाथ को दान दी हैं। इससे पहले साल 2017 में बाबा केदार के मंदिर के भीतर दीवारों वगैरा पर चांदी लगाई गई थी। तब 230 किलो चांदी इस्तेमाल हुई थी। अब कितना सोना लगाया गया है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
अब स्वर्णजड़ित है केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारें और छत .. 3 दिन में 19 कारीगरों द्वारा 550 सोने की परतों से दिया गया भव्य रूप..मुंबई के कारोबारी ने 230 kg सोना किया था दान #kedarnathdham #Uttrakhand pic.twitter.com/auZofbwSHC
— Priyanka kandpal/प्रियंका कांडपाल (@pri_kandpal) October 26, 2022
बाबा केदारनाथ के धाम से पहले यूपी के वाराणसी स्थित एक अन्य ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ मंदिर के भीतर भी सोने की चादरें लगाई गई थीं। इस सोने को दक्षिण भारत के एक भक्त ने दान दिया था। काशी विश्वनाथ में भी पहले भीतर चांदी लगी थी। उसके शिखर पर सोना लगा था। काशी विश्वनाथ के शिखर पर लगाने के लिए महाराजा रणजीत सिंह ने डेढ़ मन सोना दान दिया था।