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Bihar: कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किए जाने के बाद नीतीश कुमार ने की पीएम मोदी की तारीफ, कहा- मैं तो..!

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले हिंदुस्तान की राजनीति में परिस्थितियां काफी गंभीर होती जा रही हैं। जरा सबकुछ ध्यान से और तफसील से पढ़िएगा। चलिए, सबसे पहले शुरुआत जरा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस साक्षात्कार से करते हैं, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या आप भविष्य में नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में शामिल करने का मन बनाएंगे?, तो इस पर उन्होंने ज्यादा कुछ ना कहते हुए महज इतना ही कहा कि अगर उनकी तरफ से इस संदर्भ में कोई प्रस्ताव आता है, तो हम विचार करेंगे।

अब जरा ध्यान दीजिए। बिहार में रामनवमी के दौरान भड़की हिंसा के बीच सासाराम पहुंचे अमित शाह ने अपने संबोधन में स्पष्ट कर दिया था कि अब एनडीए के दरवाजे नीतीश कुमार के लिए बंद हो चुके हैं, लेकिन अब अमित शाह के हाव-भाव से लगता है कि वो सुशासन बाबू के लिए एनडीए के दरवाजे खोल भी सकते हैं। उधर, पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार जहां एनडीए गठबंधन के प्रति नरम नजर आ रहे हैं, तो वहीं लालू परिवार से उनकी नाराजगी की खबरें भी प्रकाश में आ रही हैं। हालांकि, बीते दिनों तेजस्वी यादव ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया था।

वहीं, एनडीए से बढ़ती नजदीकियों के बीच नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के केंद्र के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर दी, जिसके बाद से चर्चा है कि नीतीश अब एनडीए के प्रति कुछ ज्यादा ही उदार नजर होते जा रहे हैं। कर्पूरी ठाकुर आवास पहुंचे नीतीश कुमार ने यह कहने से कोई गुरेज नहीं किया कि साल 2007 से वो कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग सभी सरकार से कर रहे थे, लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया, मगर आज जिस तरह से मोदी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है, उसके प्रति हम अपना आभार प्रकट करते हैं। बता दें कि नीतीश ने इस दौरान परिवारवाद की राजनीति पर भी हमला बोला,  लेकिन लालू परिवार या राहुल गांधी पर कोई टिप्पणी नहीं की।

ध्यान दें, पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा है कि नीतीश कुमार लालू परिवार से खफा हैं। बीते दिनों मकर संक्रांति के मौके पर लालू यादव के आवास पहुंचे नीतीश के माथे पर जब दही का तिलक नहीं लगा दिखा, तो पत्रकारों ने उनसे इस संदर्भ में सवाल भी किए, मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था। बता दें कि आमतौर पर नीतीश जब कभी-भी लालू यादव के घर मकर संक्रांति के मौके पर घर जाते थे, तो उनके माथे पर दही का तिलक लगा होता था, मगर इस बार ऐसा कोई भी तिलक नहीं दिखा। इसके अलावा नीतीश को लालू परिवार की ओर से सम्मान के रूप में कोई ना कोई बाहर छोड़ने आता था, मगर इस बार कोई भी उन्हें बाहर छोड़ने नहीं आया, जिसके बाद से यह चर्चा तेज हो गई कि नीतीश और लालू के बीच खटास चल रही है। यही नहीं, इससे पहले जब इंडिया गठबंधन ने अपनी बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था, तो उस वक्त भी नीतीश के खफा होने की खबरें सामने आई थीं। इसके बाद उनकी नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें संयोजक बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया, मगर बाद उन्होंने इस प्रस्ताव को भी सिरे से खारिज कर दिया और स्पष्ट कर दिया कि उन्हें संयोजक बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

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