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Uttar Pradesh के बाद अब हरियाणा में भी लव जिहाद पर विधेयक, तैयार हुआ ड्राफ्ट

Yogi Adityanath and Anil Vij

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा में लव जिहाद कानून का विधेयक पास होने के बाद, अब अन्य राज्यों में भी इस पर विधेयक को लाने की चर्चा जोरों पर हो गई है। बता दें कि गुजरात सरकार ने भी साफ कर दिया है कि, जल्द ही लव जिहाद पर कानून लाने की तैयारी है तो वहीं अब हरियाणा सरकार ने भी इसको लेकर विधेयक लाने की मंशा साफ कर दी है। बता दें कि हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया है कि, वो आने वाले बजट सत्र में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने के लिए विधेयक ला रही है। वहीं हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि, राज्य में लव जिहाद पर आने वाले विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि, जो एक एक्सपर्ट कमेटी, इस कानून का प्रारूप तैयार करने के लिए बनाई थी, उसने कई सुझावों और अन्य राज्यों के लव जिहाद कानून का अध्ययन करने के बाद अब हरियाणा सरकार के लव जिहाद कानून का प्रारूप पूरी तरह से तैयार कर लिया है।

राज्य सरकार का कहना है कि, लव जिहाद कानून का प्रारूप ड्राफ्ट भी हो चुका है और अब हरियाणा सरकार की पूरी तैयारी है कि 5 मार्च से शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में इस कानून के विधेयक को पारित करवा लिया जाए।

इस पर अनिल विज ने कहा है कि लव जिहाद पर बनने वाले कानून में सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा, लेकिन ये कानून अब तक के लव जिहाद पर आये कानूनों के हिसाब से अधिक सख्त कानून होने वाला है। उन्होंने कहा कि, हरियाणा विधानसभा में कोशिश होगी कि यह विधेयक एकमत के साथ मंजूरी मिले।

वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया है। इस विधेयक के जरिए अब उत्तर प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन अमान्य होगा। विधानसभा में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को सदन के पटल पर विचार के लिए रखा गया जिसके बाद में विपक्ष ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश की।

वहीं इस विधेयक को लेकर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि राज्य में ऐसा पाया गया कि धर्म परिवर्तित कर लोगों के साथ धोखाधड़ी करके शादी की जा रही है। जिसपर हमारी सरकार ने सज़ा का प्रावधान किया है। गौरतलब है कि इस विधेयक में दोषी पाए जाने पर एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस विधेयक के तहत सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन मान्य नहीं होगा।

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