मुंबई। एनसीपी के शरद पवार गुट के नेता जीतेंद्र आव्हाड के भगवान राम पर दिए विवादित बयान से महाराष्ट्र का सियासी माहौल गरमा गया है। एनसीपी के अजित पवार गुट के कार्यकर्ताओं ने जीतेंद्र आव्हाड के खिलाफ बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं, बीजेपी के नेता राम कदम ने एनसीपी नेता के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि वो आव्हाड के खिलाफ केस दर्ज कराएंगे।
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— ABP News (@ABPNews) January 4, 2024
महाराष्ट्र बीजेपी ने भी जीतेंद्र आव्हाड के खिलाफ मोर्चा खोला है। वहीं, जीतेंद्र आव्हाड अब भी अपने विवादित बयान पर अड़े हुए हैं। इस मामले में सियासत गरमाने पर शरद पवार गुट के नेता का कहना है कि वो बयान पर कायम हैं। जीतेंद्र आव्हाड ने कहा है कि तब चावल नहीं था, तो खाते क्या थे।
साडे तीन जिल्ह्याच्या जिल्हेहिलाईचा मुंब्रा स्थित मानसपुत्र हिंदुद्वेषी जितुद्दीन!!
कधी काळी प्रभु रामचंद्रांच्या अस्तित्वावर प्रश्न निर्माण करणारा आज त्यांचं अस्तित्व सांगतोय आणि आता तर चक्क खोटे रामायणाचे धडे देऊ लागलाय.
संकष्टी चतुर्थीला मटणाचे खांड चघळणाऱ्या भांड स्वयंघोषित… pic.twitter.com/rW8yNy5Xx6— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) January 3, 2024
जीतेंद्र आव्हाड ने कहा कि राम और राजा क्षत्रिय थे। क्षत्रिय का खाना ही मांसाहारी होता है। कोई बता दे कि राम का खाना क्या था। एनसीपी नेता ने कहा कि राम मेथी की भाजी खाते थे? उन्होंने कहा कि भारत को शाकाहारी बनाना चाहते हैं क्या, इस देश के 80 फीसदी लोग आज भी मांसाहारी हैं। जीतेंद्र आव्हाड ने इससे पहले विवादित बयान में कहा था कि राम हमारे और बहुजन के हैं। राम शिकार करके खाते थे। आप चाहते हैं कि हम शाकाहारी बन जाएं, लेकिन हम राम को अपना आदर्श मानते हैं और मटन खाते हैं।
इसके आगे जीतेंद्र आव्हाड ने ये भी कहा था कि ये राम का आदर्श है। वो शाकाहारी नहीं, मांसाहारी थे। एनसीपी नेता ने कहा था कि 14 साल तक जंगल में रहने वाला व्यक्ति शाकाहारी भोजन की तलाश में कहां जाएगा। ये सही या गलत। उन्होंने आगे कहा था कि मैं हमेशा सही कहता हूं। इसके अलावा महात्मा गांधी के बारे में भी जीतेंद्र आव्हाड ने विवादित बोल निकाले थे। उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या की असल वजह जातिवाद था। महात्मा गांधी ओबीसी थे और ये लोग सहन नहीं कर पा रहे थे कि वो (गांधी) इतने बड़े नेता बन गए। अब जबकि महाराष्ट्र की सियासत जीतेंद्र आव्हाड के बयान पर गरमाई है और उनका विरोध हो रहा है, तो देखना ये है कि ये मामला और कितनी दूर तक जाता है।