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Allahabad High Court: पति की हत्या की आरोपी महिला को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत, इस आधार पर जारी किया आदेश

Allahabad High Court: पुलिस ने एफआईआर में लिखा कि खुशबू और उसकी मां ने प्रेम कुमार की हत्या की साजिश रची। ताकि उसकी संपत्ति पर कब्जा किया जा सके। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच में खुशबू के वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष गलत कह रहा है और सह आरोपी सुशील यादव के इकबालिया बयान के आधार पर महिला को फंसाया जा रहा है। साथ ही बचाव पक्ष ने ये भी कहा कि प्रेम कुमार की हत्या का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है। इसके अलावा अंतिम सबूत भी नहीं मिला है।

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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मां और कथित प्रेमी की मदद की मदद से पति की हत्या की आरोपी महिला खुशबू देवी को जमानत दे दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश सिंह चौहान ने खुशबू को इस आधार पर जमानत दी कि उसके परिवार में नाबालिग बच्चों की देखभाल के लिए कोई नहीं है। जस्टिस चौहान ने आरोपी महिला को जमानत देने के लिए बीएनएस की धारा 480 का उपयोग किया। कोर्ट ने कहा कि महिला का पति मर चुका है और वो जेल में है। खुशबू देवी ने जमानत की अर्जी दी थी। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं रही है।

कोर्ट ने कहा कि मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। साथ ही आरोपी महिला ने हलफनामा दिया है कि वो जमानत का गलत इस्तेमाल नहीं करेगी और मामले में सहयोग देगी। इस आधार पर उसे जमानत दी जाती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि एफआईआर में खुशबू को आरोपी नहीं बनाया गया। साथ ही घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी या अंतिम सबूत भी नहीं हैं। साथ ही ये भी बताया गया है कि पति से खुशबू देवी के संबंध अच्छे थे। खुशबू देवी के कथित प्रेमी का नाम सुशील यादव है। दोनों पर आरोप है कि प्रेम कुमार की हत्या कर उसका शव कुएं में डाल दिया। एफआईआर के मुताबिक खुशबू और सुशील में पहले से ही प्रेम संबंध रहे। प्रेम कुमार से शादी के बाद भी दोनों का प्रेम प्रसंग चलता रहा।

पुलिस ने एफआईआर में लिखा कि खुशबू और उसकी मां ने प्रेम कुमार की हत्या की साजिश रची। ताकि उसकी संपत्ति पर कब्जा किया जा सके। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच में खुशबू के वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष गलत कह रहा है और सह आरोपी सुशील यादव के इकबालिया बयान के आधार पर महिला को फंसाया जा रहा है। साथ ही बचाव पक्ष ने ये भी कहा कि प्रेम कुमार की हत्या का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है। इसके अलावा अंतिम सबूत भी नहीं मिला है। खुशबू के वकील ने कोर्ट में कहा कि न तो उनकी मुवक्किल और न ही मरने से पहले प्रेम कुमार ने एक-दूसरे के खिलाफ उत्पीड़न की कोई शिकायत की थी। इसके अलावा नाबालिग बच्चों की देखभाल न होने को भी खुशबू देवी के वकील ने जमानत दिए जाने का आधार बताकर अपील की थी।

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