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Allahabad High Court On SC/ST Act: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्राम प्रधान पर 25000 रुपए लगाया जुर्माना, वकील को एससी/एसटी एक्ट लगाने की दी थी धमकी

Allahabad High Court On SC/ST Act: जस्टिस जेजे मुनीर ने इस मामले में फिर से सुनवाई का फैसला भी किया। उन्होंने कहा कि शांतिकाल में वकील किसी सेनानी की तरह होता है। जो लोगों को न्याय दिलाने का काम करता है। इसके बावजूद कई बार वकील की अनचाही गलतियों पर भी लोग उसे खरी-खोटी सुनाते हैं। ग्राम प्रधान की ओर से इस मामले में माफी मांगी गई थी, लेकिन कोर्ट ने उस पर जुर्माना लगाने का फैसला किया।

allahabad high court

प्रयागराज। आए दिन तमाम मामले आते हैं कि किसी पर फर्जी एससी/एसटी एक्ट लगा दिया गया। अदालतों ने ऐसे सभी मामलों में सख्त रुख अपनाया है। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एससी/एसटी एक्ट के मामले में एक ग्राम प्रधान पर 25000 रुपए का जुर्माना लगा दिया है। जस्टिस जेजे मुनीर ने बहादुरपुर कछार हेटापट्टी गांव के प्रधान जंग बहादुर पर इस वजह से जुर्माना लगाया, क्योंकि उसने एक वकील को एससी/एसटी एक्ट लगाने की धमकी दी थी। साथ ही वकील से अशोभनीय भाषा में बात की थी। कोर्ट ने ग्राम प्रधान की ओर से माफी मांगने पर उसे कोई और सजा नहीं सुनाई।

मामला प्रयागराज के फूलपुर में जमीन के कब्जे का है। बहादुरपुर कछार हेटापट्टी गांव के प्रधान जंग बहादुर के बारे में वकील वसीम अख्तर ने कोर्ट को बताया कि उसने उन पर एससी/एसटी एक्ट लगाने की धमकी दी। साथ ही कहा कि अगर इस बारे में केस दर्ज कराया, तो वो वकालत भूल जाएंगे। वकील वसीम अख्तर के पिता ही जमीन कब्जे के मामले में प्रतिवादी हैं। वसीम अख्तर ने ग्राम प्रधान की तरफ से एससी/एसटी एक्ट लगाने की धमकी और अशोभनीय भाषा में फोन पर की गई बात को रिकॉर्ड कर लिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बातचीत का ट्रांसस्क्रिप्ट पढ़ने के बाद ग्राम प्रधान पर जुर्माना लगाया। इस जुर्माने में से 10 हजार रुपए वकील को और 15 हजार रुपए स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को जाएगा।

जस्टिस जेजे मुनीर ने इस मामले में फिर से सुनवाई का फैसला भी किया। उन्होंने कहा कि शांतिकाल में वकील किसी सेनानी की तरह होता है। जो लोगों को न्याय दिलाने का काम करता है। इसके बावजूद कई बार वकील की अनचाही गलतियों पर भी लोग उसे खरी-खोटी सुनाते हैं। कोर्ट ने कहा कि न्यायिक कार्य में बहुत तनाव होता है और न्याय दिलाने का काम करने वाले बार के सदस्यों को होने वाले तनाव की ओर कई बार अदालतों ने ध्यान आकृष्ट कराया है। जस्टिस मुनीर ने ग्राम प्रधान को चेतावनी दी कि भविष्य में वो सावधानी बरते। ग्राम प्रधान ने क्षमा मांगी और कोर्ट से कहा कि ऐसा भविष्य में नहीं करेगा।

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