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UP Nikay Chunav: यूपी निकाय चुनाव में OBC आरक्षण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, योगी सरकार ने भी कर दिया ये ऐलान

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में नगर निगम चुनाव से पहले इलाहबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा झटका दे दिया है। दरअसल, कोर्ट ने राज्य सरकार को बिना ओबीसी आऱक्षण के ही निगम चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं, जिस पर प्रदेश सरकार की ओर से डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने आपत्ति जताई है। उन्होंने इस मसले को लेकर विधिक विशेषज्ञों से भी सलाह लेने की बात कही है। इसके साथ ही इस पर सीएम योगी की भी प्रतिक्रिया सामने आ चुकी है। उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव के लिए आयोग गठित की जाएगी। इसके अलावा हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाने का भी ऐलान किया है। अब कोर्ट के उक्त फैसले के बाद राज्य सरकार की ओर से क्या कुछ कदम उठाया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

आपको बता दें कि उक्त निर्णय न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया ने दिया है। इस संदर्भ में कोर्ट में 93 याचिकाएं दाखिल की गईं थीं। जिस पर आज सुनवाई के उपरांत यह फैसला दिया गया है। उधर, कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने कहा कि चुनावों के दौरान ओबीसी वर्ग को प्रदान किया जाना वाला आरक्षण और शैक्षणिक में प्रदान किया जाने वाला आरक्षण अलग है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता अमिताभ राय ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण पेश आंकड़ों के आधार पर दिया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से दावा किया गया है कि प्रदेश में आगामी चुनाव में निगम अधिनियम के तहत ही चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। इसके अलावा नगर विकास मंत्री एके मिश्रा ने कहा कि बिना आरक्षण चुनाव नहीं होने दंगे।

उन्होंने आगे कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे। आपको बता दें कि गत पांच दिसंबर को नगर निकाय चुनाव के संदर्भ में जारी किए गए अधिसूचना में 27 फीसद लोगों को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था। ध्यान रहे, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 1993 में नगर निकाय चुनाव में आरक्षण देने हेतु आयोग गठित किया गया था। अब ऐसे में इस पूरे मामले में राज्य सरकार की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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