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Taiwan Controversy: अमेरिका ने किया ताइवान दौरा करने का ऐलान, तो तिलमिलाया चीन, दे डाली जो बाइडन को धमकी

नई दिल्ली। 25 साल बाद अमेरिकी सभा की स्पीकर नैंसी पोलोसी ने ताइवान जाने का ऐलान किया, तो चीन इस कदर खफा हो गया कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी तक दे डाली, लेकिन अमेरिका ने चीन को दो टूक कह दिया कि वह चीन की धमकियों से बिल्कुल भी डरने वाला नहीं है। नैंसी पोलोसी ताइवान की यात्रा पर जाएंगी। चीन को उसे रोकने का कोई नैतिक हक नहीं है।

क्यों कर रहा है चीन विरोध?

दरअसल, चीन ताइवान को स्वशासित हिस्सा मानता है, इसलिए वो अमेरिकी सभा की स्पीकर नैंसी पोलोसी की ताइवान यात्रा का विरोध कर रहा है। चीन का कहना है कि अमेरिका को अपने किसी भी अधिकारी को ताइवान रवाना करने से पहले उसे चीन से इजाजत लेनी चाहिए थी।

लेकिन अमेरिका ने ऐसा करना जरूरी नहीं समझा, जिससे खफा हुए शी जिनपिंग ने बाइडन को फोन कर गभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी, लेकिन अमेरिका ने सधे हुए शब्दों में कह दिया है कि वो किसी भी धमकी से डरने वाला नहीं है।

चार एशियाई देशों की यात्रा पर नैंसी पोलोसी

बता दें कि अमेरिकी सभा की स्पीकर नैंसी पोलोसी चार एशियाई देशों की यात्रा पर रवाना हो चुकीं हैं, जिसमें चीन भी शामिल है, जिसे लेकर अभी दोनों ही देशों के बीच विवाद देखने को मिल रहा है। चार एशियाई देशों की यात्रा के तहत सबसे पहले नैंसी सिंगापुर पहुंची थीं। आज शाम वे ताईपे के लिए रवाना होंगी। बता दें कि नैंसी की एशियाई यात्रा में अधिकृत रूप से सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान सरीखे देशों का नाम शामिल था, जिसमें ताइवान का नाम नहीं था, लेकिन जैसे ही खबर आई कि नैंसी अब ताइवान की यात्रा पर भी रवाना हो सकतीं हैं, तो दोनों ही देशों के बीच विवादों की बयार बहनी लगी।

उधर, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा कि नैंसी को ताइवान जाने का अधिकार है, उसे कोई रोक नहीं सकता है। ध्यान रहे कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब ताइवान की तरफ से अमेरिका द्वारा ताइवान के साथ अपने रिश्ते प्रगाढ़ करने पर आपत्ति जताई गई है, बल्कि इससे पहले भी कई मौकों पर यह आपत्ति जताई जा चुकी थी, जिसके बाद दोनों ही देशों के बीच विवाद भी देखने को मिला था।

पहले भी कर चुका है चीन ऐसी हरकत

यही नहीं, अमेरिका की तरफ से भी चीन को कई मर्तबा ताइवन के क्षेत्राधिकार में दखलअंदाजी नहीं करने की हिदायत दी जा चुकी है, लेकिन चीन मानने को तैयार ही नहीं हो रहा है। यह उसी का नतीजा है कि दोनों ही देशों के बीच रिश्ते तनावग्रस्त होते जा रहे हैं।

अब ऐसे में नैंसी की ताइवान यात्रा को लेकर दोनों ही देशों के बीच क्या कुछ असर पड़ता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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