नई दिल्ली। भूमि घोटाला मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में राजनीतिक संकट पैदा हो चुका है। पिछले 18 घंटे से राज्य में कोई मुख्यमंत्री नहीं है। बता दें कि हेमंत सोरेन ने गिरफ्तार होने के बाद राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। उधर, गिरफ्तारी से पूर्व हुई पार्टी विधायकों की बैठक में यह फैसला लिया जा चुका था कि अगर पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होती है, तो ऐसे में कल्पना सोरेन या चंपई सोरेन में से किसी एक को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी जा सकती है। उधर, हेमंत की गिरफ्तारी के बाद चंपत सोरेन ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया, लेकिन उन्हें अभी तक सरकार बनाने के लिए न्योता नहीं भेजा गया है, जिस पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास सरकार गठन के लिए पर्याप्त विधायक नहीं है।
वहीं, बीजेपी के इस दावे के बीच जेएमएम और कांग्रेस के विधायकों ने एकजुटता पेश की है। बता दें कि एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें जेएमएम और कांग्रेस के विधायक अपनी एकजुटता पेश कर रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह एकजुटता ऐसे वक्त में प्रदर्शित की जा रही है, जब राज्य में राजनीतिक संकट अपने चरम पर पहुंच चुका है। पिछले कई घंटों से प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी रिक्त है। ऐसे में राज्यपाल की भूमिका अहम हो जाती है। सनद रहे, बीते दिनों ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए हेमंत सोरेन 40 घंटे लापता रहे। इसके बाद जब वो रांची पहुंचे तो उनसे उनके लापता होने पर सवाल किया गया। मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल किया कि आखिर आप पिछले 40 घंटे तक कहां रहे ? , तो इस पर हेमंत ने कहा कि मैं कहां था ? मैं तो आपके दिल में था हूं और हमेशा रहूंगा।
खैर, भूमि घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर एक दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। उधर, हेमंत की गिरफ्तारी के विरोध में पूरे झारखंड में बंद का आह्वान किया गया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।