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ओडिशा जनसंवाद रैली में कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, राम मंदिर का भी किया जिक्र

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए ओडिशा जन-संवाद वर्चुअल रैली को संबोधित किया। रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के कुछ वक्रदृष्टा (वक्रदृष्टा का अर्थ- टेढ़ी नजर) आज हम पर सवाल उठाते हैं तो मैं उनसे पूछता हूं कि उन्होंने क्या किया ? कोई स्वीडन में, कोई अमेरिका में लोगों से बात करता है, इसके अलावा और क्या किया आपने? मोदी जी ने कोरोना में त्वरित सहायता के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये जरूरतमंदों के लिए दिए हैं।

उन्होंने मोदी सरकार के पिछले छह साल के कार्यों को गिनाने के दौरान कांग्रेस पर ओडिशा की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। शाह ने आंकड़ों के जरिए बताया कि 13वें वित्त आयोग में कांग्रेस सरकार ने 79,000 करोड़ रुपये ओडिशा के लिए दिए थे। जबकि मोदी सरकार ने 2.11 लाख करोड़ रुपये 14वें वित्त आयोग में ओडिशा के विकास के लिए दिए। उन्होंने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की अपील को लेकर कहा कि ऐसा भारत बनाना है, जहां 130 करोड़ लोग भारतीय चीजों का ही उपयोग करें।

यहां भाजपा मुख्यालय में बने स्टेज से वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी कोरे वादे नहीं करते, वह जो कहते हैं वह करते हैं। शाह के साथ मंच पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप सारंगी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह मौजूद रहे।

शाह ने इस दौरान अपनी अधूरी ख्वाहिश का भी इजहार किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा, ओडिशा को भाजपा का अभेद्य गढ़ बनाने का काम मेरे कार्यकाल में अधूरा रह गया था, इसे अब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पूरा करेंगे। पूर्वी भारत के इस राज्य को सिर्फ भाजपा ही विकसित बना सकती है। ताकि राज्य से लोगों को मजदूरी के लिए बाहर न जाना पड़े और कभी मोदी जी को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें न चलानी पड़े।”

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, कोरोना संकट के समय करीब तीन लाख उड़िया भाई अलग अलग क्षेत्रों से वापस आए हैं। उनकी सुरक्षा और घर वापसी के लिए मोदी जी ने श्रमिक ट्रेनें चलाई। रेलवे स्टेशन से आने-जाने के लिए बसों की व्यवस्था की। केन्द्र और राज्य सरकारों ने उनके खाने-पीने की और आर्थिक मदद की है।

शाह ने कहा, कांग्रेस सरकार में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने आरसेप के निगोशिएशन की शुरुआत की थी। अगर आरसेप पर दस्तखत हो जाता तो इस देश का छोटा व्यापारी, उद्यमी, पशुपालक, किसान, मत्सय उद्योग ये सब अपना जीवन कठिनाई से जी पाते। परन्तु प्रधानमंत्री मोदी ने आरसेप की मीटिंग में कहा कि ये देश गांधी का देश है, गरीब, किसान, छोटे मजदूर और मेरे मछुआरे भाइयों से दगा नहीं कर सकता, उनके हित के बारे में मुझे सोचना होगा। इस तरह हम आरसेप से बाहर हुए और आज हर छोटे व्यापारी, उद्यमी अपने आप को बचा हुआ महसूस कर रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने राम मंदिर का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि  श्री राम जन्मभूमि का विवाद वर्षों से चल रहा था। करोड़ों लोग राह देखते थे कि कब राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनेगा। मोदी सरकार को आपने दोबारा बहुमत दिया, सटीक तरीके से अपना पक्ष रखा गया और सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला दिया।

अमित शाह ने कहा कि “2014 में नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने कहा था कि ‘मेरी सरकार गरीबों, आदिवासियों, दलितों की सरकार होगी’। मोदी जी जो बोलते हैं वो करते हैं। उन्होंने देश के 60 करोड़ से ज्यादा गरीबों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए ढेर सारे काम किए। 10 करोड़ घरों में शौचालय बनाकर माताओं-बहनों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया। 2.5 करोड़ लोगों को जिनके पास घर नहीं था उनको मोदी सरकार ने घर देने का काम किया।”

 

 

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