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Centre Strict On Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की तैयारी में केंद्र सरकार, अमित शाह रैलियां रद्द कर दिल्ली आए; सीआरपीएफ के डीजी को राज्य भेजा गया

नई दिल्ली/इंफाल। मणिपुर में कुकी उग्रवादियों के हाथ हिंदू मैतेई समुदाय की महिलाओं और बच्चों की हत्या के बाद भड़की हिंसा को थामने के लिए केंद्र सरकार सख्त रवैया अपनाने की तैयारी कर रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल को मणिपुर रवाना किया है। वहीं, अमित शाह महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके की रैलियां रद्द कर दिल्ली आ गए हैं। मणिपुर में कुकी उग्रवादियों ने हिंदू मैतेई समुदाय की 3 महिलाओं और 3 बच्चों को 11 नवंबर को जिरीबाम से अगवा कर लिया था। शुक्रवार और शनिवार को इन सभी के शव जिरीमुख और बराक नदी में मिले। हत्याओं की जानकारी मिलने पर लोग हिंसा पर उतारू हो गए और उन्होंने सीएम एन. बीरेन सिंह के दामाद का घर फूंक दिया। साथ ही 2 और मंत्रियों और 6 विधायकों के घरों पर हमले किए।

मणिपुर के इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर और कई अन्य जिलों में हिंसा की घटनाएं होने के बाद सेना और केंद्रीय बलों को मैदान में उतारा गया और फिलहाल इन सभी जिलों में मोबाइल इंटरनेट बंद कर कर्फ्यू लगाया गया है। साथ ही सभी हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबल गश्त कर रहे हैं। अब जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने हिंसा को पूरी तरह रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। मणिपुर में साल 2023 के मई महीने से हिंसा का दौर चल रहा है। बीच-बीच में हिंसा रुक जाती है, लेकिन फिर कुकी और मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष के कारण भड़कती है। इस बार मैतेई समुदाय के लोगों की हत्या से लोग वहां भड़के हैं।

केंद्र सरकार ने कुकी उग्रवादियों की तरफ से 11 नवंबर को जिरीबाम में सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने और 6 लोगों को अगवा किए जाने की घटना के बाद मणिपुर के 6 थाना क्षेत्रों में फिर से अफस्पा कानून लागू किया था। मणिपुर कैबिनेट ने अफस्पा कानून हटाने का आग्रह केंद्र सरकार से किया, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा होना संभव नहीं दिख रहा है। मणिपुर में हिंसा की शुरुआत वहां हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद हुई थी। मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देकर आरक्षण पर विचार के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया था। इसका कुकी समुदाय ने विरोध किया और उसके बाद दोनों पक्षों में संघर्ष शुरू हो गया। बता दें कि मैतेई समुदाय हिंदू धर्म को मानता है और मणिपुर के मैदानी इलाकों में इनके गांव हैं। जबकि, कुकी समुदाय ईसाई धर्म को मानता है और मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में ये लोग रहते हैं।

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