नई दिल्ली। अगर पिछले कुछ दिनों के अखबारों पर नजर दौड़ाए तो बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों से जुड़ी खबरें आपको हर पन्ने पर मिल जाएंगी। कहीं मंदिरों पर हमला किया जा रहा है, तो कहीं हिंदुओं के घरों पर तो कहीं हिंदुओं की अस्मिता पर और आज तो श्रद्धा मर्डर केस से भी ज्यादा भयावह मामला बांग्लादेश से सामने आया है। जहां अबू बकर नाम के एक शख्स ने अपनी लिव इन पार्टनर कविता के टुकड़े-टुकड़े कर उसे नाली में बहा दिए। ऐसी स्थिति में आप दोनों ही देशों के बीच रिश्ते किस नाजुक दौर से गुजर रहे होंगे। इसका अंदाजा सहज ही लगा सकते हैं। इस नाजुक स्थिति के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बांग्लादेश पहुंचे। जहां उन्होंने अपने समकक्ष असदुज्जमां खान से मुलाकात की और इस बीच उन तमाम मुद्दों को भी उठाया। जिसकी वजह से दोनों ही देशों के बीच रिश्ते वर्तमान में तनावग्रस्त हैं।
बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, अमित शाह ने अपने समकक्ष असदुज्जमां के साथ मुलाकात के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले का मुद्दा उठाया। शाह बांग्लादेश में आयोजित नो ‘मनी फॉर टेरर’ कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए 75 देशों को न्योता दिया गया है। बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान को न्योता नहीं दिया गया है, जिसे लेकर बीते दिनों बहस भी देखने को मिली थी। इसके अलावा दोनों ही देशों के गृह मंत्री के बीच सीमा प्रबंधन और सीमा सुरक्षा को लेकर भी चर्चा हुई। शाह ने सीमा प्रबंधन पर विशेष जोर देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य की स्थिति पर नजर डालें तो हम बेहद ही चुनौतीपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हैं। ऐसे में हम सभी को एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा।
शाह ने आगे कहा कि भारत सरकार आतंकवाद की कमर तोड़ने की दिशा में पूरी जीजान से जुटी है। हालांकि, आतंकवाद को बढ़ावा देने की दिशा में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया जा रहा है। शाह ने अपने संबोधन में इस बार पर जोर दिया कि हमें समाधान ढूंढने की आवश्कयकता है। शाह ने आगे कहा कि हमें आतंकवाद को राष्ट्र, धर्म और संप्रदाय से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। हालांकि, हमने आतंकवाद के आर्थिक लेन देने को रोकने की पूरी कोशिश की है, लेकिन अब लेन देन को बढ़ावा देने की दिशा में नए तरीके ढूंढे जा रहे हैं।